Shimla. शिमला। हिमाचल में पीडब्ल्यूडी ने बीते 48 घंटे से साफ मौसम का फायदा उठाते हुए 279 सडक़ों को बहाल कर लिया है। बर्फ हटने के साथ ही इन सडक़ों पर यातायात दौडऩा शुरू हो गया है। शिमला और मंडी जोन में सबसे ज्यादा सडक़ें बाधित हैं। हिमाचल में बर्फबारी से सबसे बड़ा नुकसान पीडब्ल्यूडी को हुआ है। विभाग ने बर्फबारी के नुकसान की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी है। इस रिपोर्ट में दस करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान होने का अनुमान है। पीडब्ल्यूडी की 237 सडक़ें अभी भी बाधित हैं और इन सडक़ों को बहाल करने के लिए पीडब्ल्यूडी ठेकेदारों की जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल कर रहा है, जिन्हें अलग से भुगतान करना होगा। बर्फबारी की वजह से प्रदेशभर में 516 सडक़ें बाधित हो गई थी। पीडब्ल्यूडी ने रविवार को इनमें से 178 सडक़ों को विभाग ने बहाल कर लिया था, जबकि 101 सडक़ें सोमवार देर शाम तक खोल दी गई हैं। मौजूदा समय में मंडी जोन में सबसे ज्यादा सडक़ें बाधित हैं।
यहां 147 सडक़ों पर आवाजाही शुरू नहीं हो पाई है। उदयपुर में सबसे ज्यादा 134, बंजार में पांच, थलोट में तीन, सराज में दो, कुल्लू, जोगिंद्रनगर और बैजनाथ में एक-एक सडक़ बाधित है। विभाग ने इन सडक़ों को बहाल करने में 55 जेसीबी मशीनें झोंक दी हैं। इनमें से 28 मशीनें विभाग की हैं, जबकि 27 मशीनों को किराए पर लिया गया है। विभाग को मंडी जोन में दो करोड़ 67 लाख रुपए के नुकसान का अनुमान है। मंडी जोन के बाद सडक़ों के बंद होने के मामले में शिमला जोन दूसरे स्थान पर है। यहां रविवार देर शाम तक 116 सडक़ें बाधित थी। पीडब्ल्यूडी ने इनमें से 41 को बहाल कर लिया है। सोमवार को सबसे ज्यादा 22 सडक़ें रोहड़ू में बहाल हुई हैं, जबकि कल्पा में पांच, जुब्बल में चार, काजा और चौपाल में तीन-तीन, संगड़ाह में दो जबकि रामपुर और निरमंड में एक-एक सडक़ पर दोबारा वाहन चलने शुरू हो गए हैं। विभाग ने यहां एक करोड़ 79 लाख रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया है। विभाग ने 31 दिसंबर को 56 नई सडक़ें खोलने का लक्ष्य रखा है। जबकि आगामी 48 घंटे में विभाग 179 सडक़ें दोबारा से बहाल कर लेगा। इससे इन सडक़ों पर आवाजाही शुरू हो जाएगी।