हरियाणा के कारीगरों ने किया मंदिर का कायाकल्प

Update: 2024-05-16 10:56 GMT
हमीरपुर। बिलकेश्वर महादेव मंदिर चमनेड़ धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो रहा है। मंदिर में हाल ही में कृत्रिम गुफा का निर्माण किया गया है। लोग शेर के मुंह से गुफा में प्रवेश करेंगे और चिंपाजी के मुंह से बाहर निकलेंगे। मंदिर के अंदर बाबा बालक नाथ की मूर्ति स्थापित की गई है, जोकि देखने में काफी मनमोहक लग रही है। इसके अलावा कृत्रिम गुफा के बाहर भोले शंकर की जटाओं से बह रही गंगा का भी मनमोहक दृश्य देखने को मिलेगा। यही नहीं बाबा बालक नाथ व माता रतनो माई की सुंदर मूर्तियों के अलावा गद्दी-गदन के मनमोहक स्टैच्यू और मोर की आकृतियां भी लोगों को खूब भा रही हैं। हमीरपुर जिला मु यालय से महज 10 किलोमीटर दूर शनिदेव मंदिर से एक किलोमीटर से कम दूरी पर विराजमान बिलकेश्वर महादेव मंदिर चमनेड़ एक बार फिर लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। मंदिर परिसर में छह माह के भीतर करीब आठ लाख रुपए की लागत से 100 से 150 फीट जगह में कृत्रिम गुफा का निर्माण किया गया है। हरियाणा के कारीगीरों ने मूर्तियों में मानो जान फूंक दी हो। कृत्रिम गुफा में लोग शेर के मुंह वाली आकृति से अंदर प्रवेश करेंगें और चिंपाजी के मुंह वाली आकृति से बाहर निकलेंगें। यही नहीं गुफा के बाहर भोले शंकर की जटाओं से बहती गंगा का मनमोहक दृश्य भी लोगों को काफी आकृर्षित कर रहा है।
यही नहीं मंदिर के बाहर बाबा बालक नाथ रोटियों के पेड़ व छाछ के कुंए के नजदीक खड़े हैं और रतनो माई हाथ जोडक़र उनके पास खड़ी हैं का दृश्य भी काफी मनमोहक बनाया गया है। इसके अलावा गुफा के एक कोने के ऊपर गदन व गद्दी और मोर के स्टैच्यू भी मंदिर की शोभा में चार-चांद लगा रहे हैं। गुफा के अंदर बाबा बालक नाथ जी विराजमान हैं। इसके अलावा भी कई देवी-देवताओं की मूर्तियां गुफा में बनाई गई हैं, ताकि लोग इन्हें देखने आ सकें। गौरतलब रहे कि बिलकेश्वर महादेव मंदिर चमनेड़ लोगों का आस्था का केंद्र बनता जा रहा है। लोग दूर-दराज क्षेत्रों से यहां पर विराजमान 35 फुट ऊंचे भोले शंकर व विशालकाय नंदी के दर्शनों के लिए अपने परिवार सहित हर दिन पहुंच रहे हैं। यही नहीं शिक्षण संस्थानों के बच्चे भी अपने शिक्षकों सहित यहां पर भोले शंकर के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। मंदिर में हर वर्ष शिवरात्रि पर्व पर 151 किलोग्राम का फूलों का हार चढ़ाया जाता है। इसके अलावा मंदिर को भी दिल्ली से भेजे गए विशेष फूलों से सजाया जाता है। वहीं मंदिर कमेटी के मुख्य सलाहकार सेवानिवृत स्टेट अवार्डी शिक्षक दुर्गादास शर्मा ने बताया कि मंदिर में कृत्रिम गुफा का निर्माण किया गया है। हरियाणा के विजेंद्र जांगड़ा व विजेंद्र पंचाल कारीगीरों ने छह माह के अंदर कृत्रिम गुफा का निर्माण किया है, जोकि देखने में भी काफी सुंदर लग रही है। गुफा के निर्माण में मंदिर कमेटी के अलावा चमनेड़ निवासी समाजसेवी प्रकाश चंद शर्मा का विशेष योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि बिलकेश्वर धाम को और सुंदर बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
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