CG BREAKING: निजी हॉस्पिटलों ने फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रूपये की सेंध लगा दी
छग
Raipur. रायपुर। आयुष्मान योजना में छत्तीसगढ़ के निजी हाॅस्पिटल ने फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रूपये की सेंध लगा दी। इस पूरे मामले में केंद्र सरकार से इनपुट आने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के 28 हाॅस्पिटलों पर बड़ी कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया के निर्देश पर प्रदेश के रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर के अस्पतालों में जांच की गयी। जांच के दौरान मरीजों के इलाज और फर्जी क्लेम को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। सनसनीखेज खुलासे के बाद अब सरकार ऐसे हाॅस्पिटल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है।
गौरतलब है कि गरीब परिवारों के लिए केंद्र सरकार द्वारा आयुष्मान भारत योजना का संचालन किया जा रहा है। इस योजना के तहत गरीब और कमज़ोर परिवारों को कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाती है। लेकिन केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को छत्तीसगढ़ के प्राईवेट हास्पिटल्स ने अपनी मोटी कमाई का जरिया बना दिया। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के इन अस्पतालों में मरीज के इलाज के नाम पर अरबों रूपये के फर्जी क्लेम किये गये। वहीं आयुष्मान योजना के तहत गरीब महिलाओं के प्रसव के दौरान जन्म लेने वाले स्वस्थ बच्चों को कुपोषित दिखाकर ज्यादा पैसे सरकार से क्लेम कर लिये गये।
आयुष्मान योजना में हुए इस भ्रष्टाचार पर स्वास्थ्य विभाग ने अपनी नजरें टेढ़ी कर दी है। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के हाॅस्पिटल्स से जा रहे फर्जी क्लेम को लेकर भारत सरकार ने स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखा था। जिसके बाद स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया ने मामले को गंभीरता से लेते हुए हेल्थ कमिश्नर को टीम गठन कर जांच की जवाबदारी सौंपी थी। हेल्थ कमिश्नर डॉक्टर प्रियंका शुक्ला ने 14 टीमों का गठन कर रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग के हाॅस्पिटलों में जांच कराया। जांच के बाद प्राइवेट हास्पिटल में चल रहे इस फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा हुआ है।
आयुष्मान योजना को लेकर प्राइवेट हास्पिटल्स द्वारा किये जा रहे फर्जीवाड़े के खुलासे से पहले तक जांच टीम कोई भी जानकारी नही दी गयी थी। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया के निर्देश के बाद हेल्थ कमिश्नर प्रियंका शुक्ला ने 29 जनवरी को 14 टीमें गठित कर टीम में शामिल सदस्यों को सुबह-सुबह हास्पिटल्स के नाम और रूटीन जांच के बिंदु बताकर रवाना किया था। टीम के सदस्यों को जांच पूरी होते ही वापस लौटने के सख्त निर्देश दिये गये थे। अफसरों को आशंका थी कि जांच का खुलासा होने पर हास्पिटल बचने का रास्ता तलाश लेंगे। ऐसे में जांच पूरी होते ही जिन हाॅस्पिटल्स में गड़बड़ियां मिली, उन्हे तत्काल नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया। आयुष्मान योजना में हुए अब तक के सबसे बड़ी कार्रवाई में स्वास्थ्य विभाग ने 28 अस्पतालों पर एक्शन लिया है। इनमें से 15 हास्पिटलों को आयुष्मान योजना से डी- इमपैनल किया गया है।
इसी तरह 8 हास्पिटल को 3 और 6 महीने के लिए सस्पेंड किया गया है। जबकि 5 अन्य हास्पिटल को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल, रामकथा, एसआर अस्पताल, मातृशक्ति अस्पताल पर जहां कार्रवाई की गयी है, वही बिलासपुर के मार्क अस्पताल, नोबल अस्पताल, महादेव अस्पताल, दुर्ग जिले के प्लस हाईटेक, स्पर्श अस्पताल सहित रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर के कुल 28 अस्पतालों पर कार्रवाई की गयी है। कमाल की बात ये है कि छापेमारी के दौरान कुछ अस्पतालों ने जांच टीमों को घूस देने की भी कोशिश की। अब जिन अस्पतालों ने फर्जीवाड़ा कर ज्यादा क्लेम ली है, उन सभी से रिकवरी की जाएगी। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग की जांच टीम ने जब प्राइवेट हास्पिटल्स में जब छापामार कार्रवाई कर रिकार्ड जब्त किये। तब कुछ हाॅस्पिटल संचालकों ने मामला दबाने के लिए टीम के सदस्यों को रिश्वत देने की भी कोशिश की। लेकिन स्वास्थ्य सचिव के सख्त निर्देश का ही नतीजा रहा कि टीम ने पूरी पारदर्शिता से जांच कर रिपोर्ट अफसरों को सौंपने के साथ ही इस बड़ी गड़बड़ी पर से पर्दा उठा दिया।