गोलीबारी के बीच सेना ने 75 महिलाओं की बचाई जान, मोर्टार दाग रहे थे विद्रोही

देर रात की घटना

Update: 2024-05-20 02:00 GMT

मणिपुर। मणिपुर में सेना ने बहादुरी दिखाए हुए संदिग्ध विद्रोहियों की भीषण गोलीबारी में 75 महिलाओं की जान बचाई। रविवार को असम राइफल्स ने इस बारे में बयान दिया है। सेना के मुताबिक, यह घटना 16 मई को हुई। जानकारी के मतुबाकि, हथियारबंद लोगों के समूह ने रात 10.45 बजे लीमाराम में उयोक इलाके में गोलीबारी शुरू कर दी। बिष्णुपुर जिले के अंतर्गत लीमाराम निकटतम पहाड़ियों से 1.5 किमी दूर है।

असम राइफल्स ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर पोस्ट की है जिसमें दो सैनिकों द्वारा संदिग्ध विद्रोहियों पर मोर्टार दागते हुए देखा जा सकता है। एनडीटीवी के सूत्रों ने कहा कि अंधेरे में हमलावरों की स्थिति पर बमबारी करने के लिए सेना ने मोर्टार का उपयोग किया। बताते चलें कि उयोक गांव पर हथियारबंद लोगों का हमला इतना तीव्र था कि इसकी जवाबी कार्रवाई में दोगुना जोर लगाना पड़ा। इस गोलीबारी में मौत के चंगुल से निकली महिलाओं ने असम राइफल्स और सेना को धन्यवाद दिया है।

बता दें बीते दिनों म्यांमार से मणिपुर में दाखिल होने की कोशिश कर रहे यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट- पी (यूएनएलएफ-पी) के 34 सशस्त्र उग्रवादियों ने अपने स्वचालित हथियारों के साथ असम राइफल्स के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। इस बारे में सेना के अधिकारियों ने जानकारी दी है। अधिकारियों ने बताया कि वे म्यांमार में प्रतिद्वंद्वी पीडीएफ की भीषण गोलीबारी के बाद मणिपुर में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने बताया कि इलाके में सतर्क असम राइफल्स के जवानों ने उन्हें देखा और चुनौती दी।

अधिकारियों ने बताया कि 34 सशस्त्र उग्रवादियों के समूह ने अपने स्वचालित हथियारों के साथ बल के समक्ष आत्मसमर्पण करने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि उग्रवादियों को राज्य पुलिस को सौंप दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि माना जा रहा है कि आत्मसमर्पण करने वाला समूह घाटी से संचालित उग्रवाही समूह यूएनएलएफ (पी) के सदस्यों का है। संगठन ने 29 नवंबर, 2023 को केंद्र सरकार और मणिपुर सरकार के साथ युद्धविराम का समझौता किया था।


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