तकनीक का कमाल: ऑटोमैटिक वॉशिंग प्लांट की मदद से 7 से 8 मिनट में साफ होगी ट्रेन, इतने लीटर पानी की भी होगी बचत

Update: 2021-07-23 07:22 GMT

भारतीय रेलवे (Indian Railways) लगातार अपनी सेवाओं में विस्तार और आधुनिकीकरण कर रहा है. रेलवे ने डिब्बों की सफाई के लिए अत्याधुनिक तरीका विकसित किया है. इससे पानी की बचत तो होगी ही साथ ही समय भी बचेगा.

हबीबगंज रेलवे यार्ड (Habibganj) पर रेलवे ने ऑटोमैटिक वॉशिंग प्लांट (Automatic Washing Plant) लगा दिया है. इसकी मदद से 24 कोच वाली ट्रेन के बाहरी हिस्से को महज आठ मिनट में धोकर साफ किया जा सकेगा और 10 हजार लीटर पानी की बचत भी होगी. सबकुछ ठीक रहा तो अगस्त माह के पहले सप्ताह से प्लांट चालू हो जाएगा.
2 करोड़ की लागत से बना प्लांट
इस प्लांट को करीब दो करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है और लंबाई 70 मीटर है.
10 हजार लीटर पानी की होगी बचत
अभी ट्रेनों को सफाईकर्मी साफ करते हैं. एक ट्रेन को चार सफाईकर्मी चार से पांच घंटे में साफ करते हैं. जिसमें करीब 15 लीटर पानी लग जाता है. अब ट्रेन मशीन से धुलेगी तो तीन से पांच हजार लीटर पानी बचेगा. हालांकि, ट्रेनों के अंदर की सफाई अभी भी सफाई कर्मी ही करेंगे.
ऐसे होंगी ट्रेनें साफ
इस प्लांट को रेल लाइन पर लगाया गया है. जिसमें लाइन के दोनों तरफ चार बड़े ब्रश हैं. बूस्टर पंप लगे हैं. यह ऑटोमैटिक प्लांट है. ट्रेन इसमें से गुजरेगी जिससे ट्रेन का बाहरी हिस्सा साफ हो जाएगा.
इन ट्रेनों की होगी धुलाई
इस प्लांट की मदद से हबीबगंज-हजरत निजामुद्दीन भोपाल एक्सप्रेस, हबीबगंज-जबलपुर जनशताब्दी एक्सप्रेस, हबीबगंज-रीवा रेवांचल एक्सप्रेस, हबीबगंज-अगरतला साप्ताहिक एक्सप्रेस, हबीबगंज-पुणे साप्ताहिक हमसफर एक्सप्रेस को साफ किया जाएगा.


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