सरेंडर करने के बाद मोस्ट वॉन्टेड की थाने में मौत, हैरत में पुलिस अफसर

Update: 2021-07-31 12:17 GMT

इंदौर. इंदौर के चोइथराम अस्पताल में इलाज के दौरान राहुल उर्फ बंटी की शुक्रवार देर रात मौत हो गई. शुक्रवार को ही वह खुद थाने पहुंचा था. आपको याद दिला दें कि बीते दिनों बियर बार में जहरीली शराब सेवन के बाद हुई मौत के सिलसिले पुलिस बंटी को तलाश रही थी, वह फरार चल रहा था. लेकिन जब पुलिस का दबाव बढ़ा तो शुक्रवार को वह खुद द्वारिकापुरी थाने पहुंच गया और वहां उसकी तबीयत बिगड़ गई. इस दौरान उसने थाने में स्वीकार किया कि उसने जहरीली वस्तु का सेवन किया है. इसके बाद पुलिस अधिकारी भी हैरत में पड़ गए.

इंदौर में जिस राहुल नामक शख्स की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हुई है, उसे इस मामले में अहम कड़ी माना जा रहा था. उसी कारण उसकी तलाश की जा रही थी. राहुल बोराडे उर्फ बंटी के पिता की तीन दिन पहले मौत हुई थी. पुलिस को उसकी उस वक्त से ही तलाश थी. हालांकि वह लगातार उसके बाद से ही फरार चल रहा था. पुलिस ने जब उसके परिवार के सदस्यों पर दबाव बनाया तो वह खुद द्वारिकापुरी थाने में हाजिर हो गया. उस वक्त वह बेसुध था. पुलिस को आशंका हुई कि वह नशे की हालत है तो पुलिस ने उसे डांट दिया. इस दौरान पुलिसकर्मी ने जब उसकी तलाशी ली तो उसकी जेब से जहरीले पदार्थ का पाउच मिल गया. इसके बाद उसने स्वीकारा कि वह घर से आते वक्त इसका सेवन करके आया था. इतना सुनते ही थाने पर मौजूद पुलिस अधिकारियों के हाथ पैर फूल गए. वे नाजुक हालत में उसे लेकर चोइथराम अस्पताल पहुंचे और इलाज शुरू करवाया. हालांकि इलाज के दौरान ही उसने दम तोड़ दिया. राहुल की मौत की खबर मिलते ही उसके आक्रोशित परिजन अस्पताल पहुंचने लगे. उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए.
हालांकि राहुल पहले से ही शराब कारोबार में लिप्त था. उस पर अवैध शराब कारोबार के 11 मामले दर्ज हैं और शहर में हुई जहरीली शराब के सेवन से हुई मौत में भी वह जिम्मेदार था. जानकारी मिली थी कि खरगोन में बनने वाली नकली शराब की खपत राहुल ही शहर में करता है. पुलिस ने आक्रोशित परिजनों को समझाया तब वे शव लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए रवाना हुए. जिला अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है. छत्रीपुरा थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
सीएसपी बीपीएस परिहार के मुताबिक, राहुल (36) को चोईथराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उसकी देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई, छत्रीपुरा थाना पुलिस मामले में जांच कर रही है. इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह के मुताबिक, नकली शराब से संबंधित यह मामला बेहद चौंकाने वाला है. कुछ लोग मुनाफे के कारण इस तरह के धंधे में लिप्त हैं. वहीं कुछ बार संचालक मुनाफे के कारण ही इनसे समान खरीद रहे हैं, जबकि उन्हें लायसेंसी सप्लाई से ही सामान लेना चाहिए. इसके साथ ही ढाबे इत्यादि पर बिक रही शराब पर भी पूरी तरह रोक होना चाहिए. उसको लेकर आबकारी भी विशेष अभियान चलाएगा. पुलिस के संबंधित अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी. अगर लापरवाही उजागर होती है तो कार्वाई की जाएगी.
आपको याद दिला दें कि इंदौर के एरोड्रम थाना इलाके के पैराडाइज बियर बार में शराब पीने से चार लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. इसके कुछ दिन बाद एक अन्य शख्स की जान चली गई थी. जांच के दौरान पता चला कि इन सभी ने शराब का सेवन किया था. पोस्टमॉर्टम और विसरा रिपोर्ट में इथाइल अल्कोहल और मिथाइल अल्कोहल की भी पुष्टि हुई थी. इसके बाद यह स्पष्ट हो गया था कि मौत के लिए जहरीली शराब जिम्मेदार है. इस दौरान बियर बार संचालकों को हिरासत में लेकर जब पूछताछ हुई तो इस बात का खुलासा हुआ कि उन्होंने बाहर से अंग्रेजी शराब खरीदी थी और उसे कई ग्राहकों को परोसा भी था. उसके बाद भी कई लोगों की हालत बिगड़ी और मौत हुई.
जांच में जहर की पुष्टि और बार संचालकों के द्वारा बाहर से शराब खरीदी की बात स्पष्ट हो जाने पर पुलिस ने बार संचालको के विरुद्ध केस दर्ज कर उन्हें हिरासत में ले लिया था. साथ ही उनसे कड़ी पूछताछ की गई. इस दौरान आरोपियों ने कबूल कर कई लोगों के नाम बताए कि आखिर उन्होंने किस-किस से शराब खरीदी थी. इंदौर पुलिस अधीक्षक ने खुद अंग्रेजी शराब के कुछ ब्रांड बाजार से न खरीदने की चेतावनी दी थी. पुलिस को आशंका थी कि शहर के आसपास के किसी इलाके में अवैध शराब की फैक्टरी संचालित की जा रही है, जहां से इंदौर और आसपास के इलाकों में इसकी खपत की जा रही है. यही कारण है कि इंदौर, मंदसौर, खरगोन और चित्तौगढ़ में कुछ लोगों की मौत हुई है और इन सभी की हालत शराब के सेवन के बाद ही बिगड़ी थी.
पुलिस अधिकारियों द्वारा की गई छानबीन में अहम जानकरी निकल कर सामने आई, जिसके बाद खरगोन के एक इलाके में अवैध शराब की फैक्टरी संचालित होने की जानकारी प्राप्त हुई. लिहाजा पुलिस ने धरपकड़ कर आरोपियों को गिरफ्तार किया और फैक्टरी से बोतल, ढक्कन और अन्य सामग्री जब्त की गई. यहां अवैध फैक्टरी का संचालन हो रहा था और उसकी सप्लाई प्रदेश के विभिन्न शहरों में की जा रही थी.
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