Congress की जीत के बाद मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र बन जाएगा देहरा

Update: 2024-07-08 09:57 GMT
Volcano. जवालामुखी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह ने कहा कि 13 जुलाई को देहरा के भाग्य का सूर्य उदय हो जाएगा। उन्होंने कहा कि 13 जुलाई के बाद देहरा मुख्यमंत्री का चुनाव क्षेत्र कहलाएगा और लोगों को पहली बार एहसास होगा कि मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र कैसा होता है और विकास के आयाम कैसे प्रस्तुत किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि ‘देहरा, कोई नहीं तेरा’ के अभिशाप को सदा के लिए समाप्त कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और भाजपा ने धनबल के अहंकार में जनता की ताकत को कुछ नहीं समझते। पहले उन्होंने पुरानी पेंशन प्राप्त करने के लिए सरकारी कर्मचारियों को चुनाव लडऩे की चुनौती थी और फिर विधानसभा में कहा कि इस सरकार को भगवान भी नहीं बचा सकता। उन्होंने कहा कि सरकार गिराने की साजिश में कांग्रेस पार्टी के छह बागी विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा का साथ दिया, लेकिन जनता ने धनबल की राजनीति को नकार कर कांग्रेस विधायकों की संख्या 34 से बढ़ाकर 38 कर दिया। मुख्यमंत्री रविवार को देहरा विधानसभा क्षेत्र के खैरियां, बौंगता, बाड़ी, शिवनाथ, ध्वाला, ठाकुरद्वारा, मूहल, राजोल और देहरा में कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश ठाकुर के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहे थे। उन्होंने कहा देहरा में होशियार सिंह सिर्फ वोट की राजनीति करने में व्यस्त रहे और क्षेत्र के
विकास को अनदेखा किया।
उनकी प्राथमिकता अपने रिजॉर्ट को काम पूरा करना है और विकास से उनका कोई लेना-देना नहीं है। छह महीने पहले जब वे हरिपुर आए थे, तो निर्दलीय विधायक की हर मांग को पूरा किया, लेकिन काम न होने का आरोप लगाकर उन्होंने भाजपा की साजि़श में शामिल होकर अपनी विधायकी बेच डाली। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस सरकार से निर्दलीय विधायक को दिक्कत थी, तो भाजपा के साथ बैठ जाते। उपचुनाव का बोझ जनता पर क्यों डाला। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि होशियार सिंह ने देहरा की जनता से बिना पूछे इस्तीफा दिया और अब दोबारा साढ़े तीन साल के लिए विधायक बनने को वोट मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और देहरा की समस्याओं का समाधान भी करेगी। होशियार सिंह की बुद्धि भ्रष्ट होने से देहरा की तक़दीर बदल गई है। इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, विधायक संजय रतन, अजय सोलंकी, प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष डा. राजेश शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। सीएम सुक्खू ने कहा कि इतिहास में पहली बार निर्दलीय विधायक अपना इस्तीफा स्वीकार कराने के लिए धरने पर बैठे और कोर्ट गए। इसकी असली वजह भाजपा से डील की रुकी हुई दूसरी किस्त थी। इस्तीफा स्वीकार होने के बाद अब होशियार सिंह समेत तीनों निर्दलीय विधायकों को अटैची मिल चुके हैं।
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