एक दशक बाद 17 को एक साथ मंच पर आएंगे पीएम मोदी, एन चंद्रबाबू नायडू और पवन कल्याण
अमरावती: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू और जन सेना नेता व अभिनेता पवन कल्याण एक दशक बाद 17 मार्च को चिलकलुरिपेट में एक सार्वजनिक सभा में एक साथ नजर आएंगे। इसी दिन आंध्र प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए का अभियान शुरू हो जाएगा।
चुनावी गठबंधन बनाने के बाद पलनाडु जिले के चिलकलुरिपेट में तीनों दलों की यह पहली सार्वजनिक बैठक होगी। 2018 में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए से बाहर निकलने के बाद से एन चंद्रबाबू नायडू ने कभी भी पीएम मोदी के साथ सार्वजनिक मंच शेयर नहीं किया था।
पवन कल्याण ने पिछले साल नवंबर में तेलंगाना विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान हैदराबाद में पीएम मोदी के साथ एक सार्वजनिक सभा को संबोधित किया था। 2014 में तीनों नेताओं ने एक साथ प्रचार किया था। जन सेना ने तब चुनाव नहीं लड़ा था, लेकिन पवन कल्याण ने टीडीपी-भाजपा गठबंधन के लिए प्रचार किया था
टीडीपी, बीजेपी और जेएसपी अपने संयुक्त अभियान को बड़े पैमाने पर शुरू करने के लिए 17 मार्च की सभा की सफलता के लिए प्रयासरत हैं। एन. चंद्रबाबू नायडू के बेटे टीडीपी महासचिव नारा लोकेश सभा की व्यवस्था संभाल रहे हैं।
टीडीपी प्रमुख ने मंगलवार को व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने के लिए समन्वय समिति के नेताओं के साथ बैठक की। एनडीए के इन तीन सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे के समझौते की घोषणा सोमवार रात को की गई।
175 विधानसभा सीटों में से टीडीपी 144 और लोकसभा की 25 सीटों में से 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसने दोनों सहयोगियों के लिए विधानसभा की 31 और लोकसभा की आठ सीटें छोड़ीं। जन सेना जहां विधानसभा की 21 और लोकसभा की दो सीटों पर चुनाव लड़ेगी, वहीं भाजपा विधानसभा की 10 और लोकसभा की छह सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी।
यहां उंदावल्ली स्थित एन.चंद्रबाबू नायडू के आवास पर तीनों दलों के नेताओं के बीच आठ घंटे तक चली बातचीत के बाद सहमति बनी। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत जय पांडा और जन सेना नेता ने एन चंद्रबाबू नायडू से बातचीत की।
नायडू और पवन कल्याण की नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा के साथ बातचीत के तीन दिन बाद सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिया गया। टीडीपी ने एनडीए में दोबारा शामिल होने का बीजेपी का न्योता स्वीकार कर लिया।
टीडीपी और बीजेपी ने जन सेना के समर्थन से आंध्र प्रदेश में 2014 का चुनाव मिलकर लड़ा था। 175 सदस्यीय विधानसभा में टीडीपी-भाजपा गठबंधन 106 सीटों के साथ सत्ता में आया था। टीडीपी ने जहां 102 सीटें जीती थीं और 58.29 फीसदी वोट हासिल किए थे, वहीं बीजेपी ने चार सीटें और 2.29 फीसदी वोट हासिल किए थे। वाईएसआरसीपी 67 सीटों (38.28 फीसदी वोट) के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी।
टीडीपी ने 15 लोकसभा सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी को दो सीटें मिली थीं। बाद में विशेष श्रेणी के दर्जे के मुद्दे पर एनडीए सहयोगियों के बीच मतभेद पैदा हो गए। जेएसपी ने बमुश्किल एक साल बाद टीडीपी और बीजेपी से दूरी बना ली औैर नायडू ने 2018 में बीजेपी से नाता तोड़ लिया।