प्रशासन ने लॉन्च किया कश्मीरी प्रवासियों के लिए पोर्टल, संपत्ति वापसी में बनेगा मददगार

आंतकवाद और मुठभेड़ से जूझ रहे कश्मीर को छोड़कर दूर जाने वाले कश्मीरी लोगों के लिए प्रशासन ने बहुत बड़ा फैसला लिया है.

Update: 2021-09-08 03:16 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आंतकवाद और मुठभेड़ से जूझ रहे कश्मीर को छोड़कर दूर जाने वाले कश्मीरी लोगों के लिए प्रशासन ने बहुत बड़ा फैसला लिया है. मंगलवार को लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने कश्मीरी प्रवासियों के लिए ऑनलाइल पोर्टल लॉन्च किया. प्रशासन द्वारा लॉन्च किए गए इस पोर्टल के मदद से कश्मीर छोड़कर गए कश्मीरी पंडित व सभी प्रवासियों को अपनी जमीन और दूसरी अचल संपति को वापस लाने में मददगार साबित होगा. आंतकवादियों के डर से अपना सबकुछ कश्मीर में छोड़कर देश व विदेश में रहने को मजबूर हुए कश्मीरी प्रवासियों के लिए घर वापसी का एक अच्छा मौका बनेगा.

लेफ्टिनेंट गवर्नर ने कहा कश्मीरी प्रवासियों के लिए पोर्टल
पोर्लट को लॉन्च करते हुए कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर ने कहा कि कश्मीर से लोगों के पलायन का जिम्मेदार पाकिस्तान है. उन्होंने कहा कि यह पोर्टल कश्मीर के लोगों के लिए लॉन्च किया गया है. पोर्टल की सहायता से जमीन व अचल संपत्ति से जुड़े मामले की सुनवाई की जा सकती है. इस पोर्टल की शुरूआत दो सप्ताह पहले वेब लिंक के जरिए हो गई थी. अबतक इसपर 745 शिकायतें भी आ चुकी है. इस पोर्टल के मदद से प्रवासी कश्मीर अपनी संपत्ति से संबंधित शिकायत दर्ज करा सकेंगे. इस पोर्टल पर शिकायत करने के बाद संबंधित शिकायत की एक यूनिक आईडी जेनरेट होती है. इस यूनिक आईडी जेनरेट होने के बाद यह संबंधित शिकायत जिला क्लेटर के पास पहुंचती है.
कशमीर में 1989-90 में आंतकवाद के बढ़ने के कारण तकरीबन 60 हजार परिवारों को कश्मीर छोड़कर जाना पड़ा था। इनमें सबसे अधिक संख्या हिंदू कश्मीरी परिवारों का था. जिनकी संख्या 40 हजार के भी पार थी.
इससे पहले अगस्त में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कश्मीरी पंडितों के लिए अचल संपत्ति अधिनियम को पूर्ण रूप से लागू करने का आदेश दिया था। सिन्हा ने अधिकारियों को जम्मू-कश्मीर प्रवासी अचल संपत्ति अधिनियम 1997 का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।


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