पुलिस मुख्यालय में साइबर सुरक्षा विषयक प्रस्तुतिकरण पर बैठक का आयोजन हुआ

साइबर अपराध होने पर तत्परता से कार्रवाई करे: मुख्य सचिव

Update: 2024-04-05 03:27 GMT

लखनऊ: मुख्य सचिव शासन की अध्यक्षता में साइबर अपराधों व साइबर सुरक्षा विषय पर पुलिस मुख्यालय स्थित ऑडिटोरियम में प्रस्तुतीकरण व बैठक का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य सचिव दु्गाशंकर मिश्र ने कहा गया कि कंप्यूटरा इंटरनेट और स्मार्टफोन का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है। इंटरनेट के माध्यम से तमाम सारी पब्लिक सर्विसेज ऑनलाइन उपलब्ध हैं। ऐसे में साइबर सिक्योरिटी और साइबर क्राइम विषय बहुत महत्वपूर्ण है। पुलिस, ऊर्जा, मेट्रो स्वास्थ्य और कृषि आदि सेक्टर में इंटरनेट के माध्यम से तमाम सारी सुविधायें आम नागरिकों को ऑनलाइन उपलब्ध करायी जा रही हैं। साइबर सिक्योरिटी के माध्यम से ऐसी व्यवस्था करनी होगी, जिससे बाहरी व्यक्ति इस नेटवर्क या सिस्टम को ध्वस्त या प्रभावित न कर सके।

दुनिया में सर्वाधिक डिजिटल ट्रांजक्शन भारत में हो रहा है। लोगों की मदद के लिए प्रदेश में साइबर थाने बनाये गये हैं। अपराध के पैटर्न में परिवर्तन आया है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि लोगों की साइबर सुरक्षा पर ध्यान दें। आम नागरिकों को साइबर फ्रॉड का शिकार होने से बचाने के लिए जागरूक करें। साइबर अपराध होने पर तत्परता से कार्रवाई करे, जिससे साइबर अपराध के मामलों में कमी आयेगी। दिन- प्रतिदिन नई आपराधिक चुनौतियों को हल करने के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी को अपनाना होगा। अपराध पैटर्न की बेहतर पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि का उपयोग करना और दूसरा तेजी से बदलते अपराध पैटर्न और उनके तौर-तरीके को समझना और कड़ी कार्रवाई करना होगा। 

आज उत्तर प्रदेश के 75 कमिश्नरेट/जनपदों में साइबर थानों का गठन हो चुका है, किन्तु हमें साइबर सिक्योरिटी हेतु बहुत प्रभावी रूप से कार्य किये जाने की आवश्यकता है। डीजीपी यूपी प्रशान्त कुमार ने कहा गया कि साइबर क्राइम और साइबर सिक्योरिटी ये दोनों ही बहुत प्रासंगिक विषय है, साइबर क्राइम के बारे में आप सबको पता है कि इसकी कोई बाउण्ड्री नहीं होती। अमूमन जो क्राइम हम लोग आज तक देखते हुए आ रहे है उसमें एक सीमा होती है, लेकिन साइबर काइम वर्ड वाइज वेब से कन्ट्रोल होता है, जिसकी कोई सीमा नहीं होती है, ऐसी स्थिति में क्राइम करने वाले सस्पेक्ट के डिस्टेन्स के बारे में आइडिया लगा पाना, जब तक कि पूरा ज्ञान न हो सम्भव नहीं है।

साइबर क्राइम से बचने के बारे में जो भी सुधार करें या स्वयं की जागरूकता बढ़ाये ये सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। शासन द्वारा साइबर क्राइम से निपटने के लिए बहुत सारे प्रयास किये जा रहे है, जैसा कि आप लोगों को पता है वर्ष 2017 के बाद से रेंज स्तर पर साइबर थाने बनाये गये तथा वर्तमान में प्रत्येक जनपद में एक साइबर थाने की स्थापना की गयी एवं प्रत्येक थानों में एक साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है। साइबर काइम से निपटने के लिये पूरी दुनिया द्वारा सुधार के लिए जो कार्य किये जा है उस प्रतिस्पर्धा में उत्तर प्रदेश पुलिस अधिक तेजी से सिस्टम में सुधार कर रही है।

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