भिलाई। भटगांव, जेवरा सिरसा के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सीताराम शर्मा महाराज की नयनाभिराम प्रतिमा का निर्माण सुप्रसिद्ध मूर्तिकार अंकुश देवांगन ने किया है। इस प्रतिमा का अनावरण शीघ्र ही किया जाएगा। जिसे लेकर ग्रामीणजनो और छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्र के लोगों में खासा उत्साह है। अंकुश द्वारा निरंतर महापुरुषों की भव्य प्रतिमाएं बनाए जाने पर प्रख्यात मॉडर्न आर्ट चित्रकार डी.एस.विद्यार्थी, बी.एल.सोनी, वरिष्ठ रंगकर्मी विजय शर्मा, साहित्यकार मेनका वर्मा ने उन्हें बधाई दी है।
ज्ञात हो कि भटगांव के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सीताराम शर्मा ने बाल्यावस्था से ही आजादी के आंदोलन में अपना योगदान दिया था। उन्हें मात्र 12 वर्ष की उम्र में ही अंग्रेजों द्वारा जेल में डाल दिया गया था। रायपुर के भनपुरी स्कूल में पढ़ते हुए वे दोस्तों संग स्कूल से भागकर स्वतंत्रता आंदोलन की रैलियों में सबसे आगे रहकर तिरंगा लहराया करते थे। रायपुर जेल में स्वतंत्रता सेनानी केयूर भूषण के साथ मुलाकात ने उन्हें और भी प्रोत्साहित किया था। महात्मा गांधी के छत्तीसगढ़ प्रवास में वे इस आंदोलन का हिस्सा रहे थे तथा किसान आंदोलन में भी भाग लिया था।
संस्कृति मंत्रालय, नई दिल्ली के ललित कला अकादमी में छत्तीसगढ़ से प्रथम बोर्ड मेम्बर डॉ.अंकुश देवांगन ने कहा है कि हमने आजादी के आंदोलन में तो भाग नही लिया परन्तु ऐसे महापुरुषों की प्रतिमा बनाने से ही हमारा जीवन धन्य हो जाता है। देश के ऐसे हीरो को केन्द्र सरकार भी राष्ट्रीय स्तर पर लिपिबद्ध कर रही है। जिन्होंने भारत के कोने-कोने में स्वतंत्रता की अलख जगाई थी और अंग्रेजों से लोहा लिया था। यही वजह रही कि देश को लूटने वाले अंग्रेज भारत छोड़ने पर विवश हो गए थे। आजादी का वास्तविक इतिहास आम जनता के बीच पूरी तरह से नहीं आ पाया है और क्षेत्रीय महापुरुष गुमनामी में खो गए हैं। जिसके लिए केन्द्र सरकार ने सबके योगदानो को चिन्हित करने प्रतिबद्धता दर्शायी है। मूर्तिकार अंकुश ने केन्द्र के इन्हीं आदर्श उद्देश्यों से प्रेरित होकर सेनानियों की हूबहू प्रतिमा के निर्माण का बीड़ा उठाया है।