87 फीसदी लोग मणिपुर के बलात्कारियों के लिए मृत्युदंड के पक्ष में

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Update: 2023-07-23 15:05 GMT
नई दिल्ली (आईएएनएस)। देश के अधिकांश लोग चाहते हैं कि मणिपुर में महिलाओं को सार्वजनिक रूप से नग्न घुमाने और उनके साथ सामूहिक बलात्कार करने वाले अपराधियों को मौत की सजा मिले। अग्रणी चुनाव सर्वेक्षण एजेंसी सीवोटर द्वारा किए गए एक विशेष सर्वे में यह बात सामने आई है। सीवोटर सर्वे के दौरान पूछा गया सवाल था: मणिपुर में हो रही हिंसा के दौरान महिलाओं के साथ क्रूरता और सामूहिक बलात्कार के कुछ भयावह वीडियो सामने आए हैं। आपके अनुसार क्या ऐसे कृत्यों के दोषियों को मौत की सज़ा मिलनी चाहिए? कुल 87 प्रतिशत उत्तरदाताओं के विशाल बहुमत ने सकारात्मक उत्तर दिया, जबकि चार प्रतिशत से भी कम इससे असहमत थे। इस मामले में एनडीए और विपक्षी दलों के समर्थकों की राय लगभग एक सी है। कुकी जनजाति की दो महिलाओं को निर्वस्त्र करने, उन्हें सड़कों पर नग्न घुमाने और उसके बाद सार्वजनिक रूप से सामूहिक बलात्कार की घटना मई के महीने में हुई थी। हालाँकि, हाल ही में यह भयावह वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया और वायरल हो गया।
वायरल वीडियो से देश भर में गुस्सा और आक्रोश फैल गया है। पूर्वोत्तर राज्य 3 मई से अनियंत्रित हिंसा की चपेट में है। जब मणिपुर उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि स्वदेशी मेइती जनजाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया जाए तो कुकी जनजाति के सदस्यों ने विरोध-प्रदर्शन किया। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पर रोक लगा दी और मणिपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को फटकार लगाई। कुकी समुदाय के सदस्यों का विरोध-प्रदर्शन जल्द ही भयानक हिंसा में बदल गया क्योंकि दोनों समुदायों के उग्रवादी वर्गों ने एक-दूसरे पर हमले शुरू कर दिए। पुलिस चौकियों और शस्त्रागारों पर हमला किया और हथियार लूट लिए। इससे भी बुरी बात यह है कि महिलाओं पर बेरहमी से हमला किया गया और उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया, जिससे देश भर में आक्रोश और गुस्सा फैल गया। सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया है और राज्य और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। इस मुद्दे पर संसद का मानसून सत्र बाधित हो गया है। मणिपुर हिंसा में अब तक 115 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।
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