जम्मू कश्मीर में पिछले महीने मारे गए 7 नागरिक, 948 ग्राम रक्षा गार्ड को दिया गया प्रशिक्षण

Update: 2023-02-07 11:27 GMT

फाइल फोटो

नई दिल्ली (आईएएनएस)| जम्मू कश्मीर में पिछले महीने यानी जनवरी में आतंकी घटनाओं में 7 आम नागरिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इसको देखते हुए सीआरपीएफ ने जम्मू में 948 ग्राम रक्षा गार्ड सदस्यों को हथियार चलाने का प्रशिक्षण भी दिया है। गृह मंत्रालय का कहना है कि सरकार जम्मू कश्मीर में आम नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई बड़े कदम उठा रही है।
लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि जम्मू कश्मीर में इस साल 31 जनवरी तक कुल 7 आम नागरिक आतंकी हमलों में मारे गए हैं, वहीं 23 लोग घायल हुए हैं। हालांकि अच्छी बात ये रही की इस साल किसी सुराक्षकर्मी को अपनी जान नहीं गंवानी पड़ी है। इसके उलट साल 2022 में 30 नागरिक मारे गए थे और 134 घायल हुए थे। वहीं 2022 में 31 सुरक्षाकर्मियों की मौत आतंकियों से लड़ते हुए हुई थी।
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 और 2020 में क्रमश: 41 और 37 नागरिक जम्मू कश्मीर में मारे गए, साथ ही 75 और 61 लोग घायल भी हुए। वहीं साल 2021 और 2020 में क्रमश: 42 और 62 सुराक्षकर्मी की जान गई। इन सबको देखते हुए स्थानीय स्तर पर भी नागरिकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गृह मंत्रालय ने बताया कि सीआरपीएफ ने 06-01-2023 से 25-01-2023 तक राजौरी जिला पुलिस के सहयोग से 948 ग्राम रक्षा गार्ड सदस्यों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया है।
नित्यानंद राय ने बताया कि सरकार ने आतंकवाद के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर के नागरिकों की जान की सुरक्षा करने के लिए सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। इनमें रणनीतिक स्थानों पर चौबीस घंटे नाके लगाना, स्थायी गाडों के रूप में सामूहिक सुरक्षा करना, आतंकवादी संगठनों द्वारा पेश की गई चुनौतियों से प्रभावकारी ढंग से निपटने के लिए गहन घेराबंदी और तलाशी अभियान शामिल है।
इसके अलावा जम्मू और कश्मीर में ऑपरेट कर रहे सभी सुरक्षा बलों के साथ तत्काल आसूचना संबंधी जानकारी साझा करना, क्षेत्र में दिन और रात नियंत्रण और निगरानी, उपयुक्त तैनाती के माध्यम से सुरक्षा के प्रबंध, नागरिकों पर आतंकवादी हमलों को रोकने के लिए अति संवेदनशील स्थानों की पहचान करना जैसे उपाय भी शामिल हैं।
गृह मंत्रालय ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियां निवारक अभियान भी चला रही हैं, जिनमें आतंकवाद के रणनीतिक समर्थकों की पहचान और आतंकवादियों की सहायता करने और उन्हें उकसाने वाले तंत्रों का भंडाफोड़ करने के लिए जांच शुरू शामिल हैं। इसके अलावा लोगों को जमीनी स्तर पर जानकारी प्रदान करने और आतंकवादियों अथवा उनके परामर्शदाताओं के षडयंत्र को विफल करने के उपाय भी किए जा रहे हैं।
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