त्रिकुट रोपवे हादसा: आसमान और जमीन के बीच फंसी 48 जिंदगियां, ड्रोन से पहुंच रहा खाना
देवघर: झारखंड के देवघर में त्रिकूट पहाड़ी पर एक बड़ा हादसा हुआ है. रविवार की देर शाम पर्यटकों के लिए संचालित रोपवे की कई ट्रॉलियां आपस में टकरा गईं, जिससे एक की मौत हो गई जबकि 48 लोग अभी भी फंसे हुए हैं. हवा में अटके हुए लोगों को प्रशासन की तरफ से ड्रोन के जरिए खाना और पानी भेजा जा रहा है. रविवार की शाम से ही 48 लोग ट्रॉलियों में फंसे हुए हैं.
फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीम लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है जिसमें हेलिकॉप्टर की मदद भी ली जा रही है. हालांकि हेलिकॉप्टर की तेज हवा की वजह से ट्रॉलियां हिलने लगती है जिससे फंसे हुए लोगों को निकालने में दिक्कतें आ रही हैं.
देवघर जिला प्रशासन के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं और लोगों को जल्द से जल्द निकालने की कोशिश कर रहे हैं. दरअसल रविवार को रामनवमी के मौके पर यहां सैकड़ों लोग घूमने आए थे और वो रोपवे पर सवार थे. अचानक रोपवे की ट्रॉलियां एक दूसरे से टकरा गईं जिससे यह हादसा हुआ.
घटना को लेकर एक पर्यटक ने बताया कि हादसा उस वक्त हुआ जब एक ट्रॉली ऊपर चढ़ रही थी और दूसरी ट्रॉली नीचे आ रही थी, इसी दौरान दोनों ट्रॉलिया एक दूसरे के संपर्क में आ गईं जिससे उनमें टक्कर हो गई. फिलहाल कुछ घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
जानकारी के मुताबिक दो ट्रॉलियों के टकराने के बाद अन्य ट्रॉलियां भी अपनी जगह से हट गईं (डिस्प्लेस) जिससे वो भी जाकर पत्थर से टकरा गईं.
वहीं हादसे के बाद देवघर के जिला कलेक्टर मंजूनाथ भैजंत्री ने बताया कि रोपवे सर्विस को बंद कर दिया गया है और घायलों को इलाज के लिए देवघर के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
हादसे के बाद गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने घायलों के प्रति संवेदना जताई. उन्होंने केंद्र सरकार और झारखंड सरकार के मुख्य सचिव से तुरंत मौके पर एनडीआरएफ की टीमों को भेजने का आग्रह किया.
बता दें तीन शिखरों का पर्वत होने की वजह से इसका नाम त्रिकूट पर्वत है. देवघर से करीब 13 किलोमीटर दूर दुमका रोड पर त्रिकूट पर्वत है जहां पर्यटन के लिए रोपवे सेवा संचालित की जाती है. त्रिकूट रोपवे भारत का सबसे ऊंचा रोपवे सर्विस है.