32 मजदूर फंसे, नौकरी दिलाने के नाम पर दलाल ने ठगा, फिर...

ये है पूरा मामला?

Update: 2021-07-15 14:05 GMT

केरल में फंसे झारखंड के दुमका के 32 मजदूरों और 5 बच्चों की घर वापसी कराई गई है. यह वापसी झारखंड सरकार के पहल पर हुई है. सभी मजदूरों को केरल से अलेप्पी-धनबाद एक्सप्रेस से लाया गया, जहां धनबाद रेलवे स्टेशन से मजदूरों को बस के जरिए दुमका भेजा गया.

दरअसल, केरल में फंसे मजदूरों ने घर वापसी के लिए झारखंड सरकार से गुहार लगाई थी. सरकार ने डिप्टी कमिश्नर को निर्देश दिया कि जल्द मजदूरों को वापस लाया जाए. इसके बाद मजदूरों को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू हुई और आज (15 जुलाई) मजदूर वापस अपने राज्य पहुंच गए.
टुंडी विधायक मथुरा महतो ने बताया कि झारखंड में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं, जिसे सृजित कर सरकार राज्य के मजदूरों का पलायन रोकने का प्रयास कर रही है. झारखंड के मजदूरों को राज्य के भीतर ही काम दिया जाएगा, जिससे कि वह अन्य प्रदेशों में दलालों के चंगुल में नहीं फंसे और उनका शोषण नहीं किया जाए.
ट्रेन से वापस लाए सभी मजदूर
धनबाद डीटीओ ने कहा कि जो भी प्रवासी मजदूर बाहर राज्यों में फंसे हुए थे, उन्हें सरकार के निर्देश पर धनबाद परिवहन विभाग के द्वारा दुमका तक पहुंचाने का काम परिवहन विभाग की ओर से किया गया. एसडीएम ने कहा कि 32 प्रवासी मजदूर को सकुशल दुमका पहुंचाने का काम जिला प्रशासन की ओर से किया गया है.
ये है पूरा मामला?
मजदूरों ने बताया कि गांव के ही एक व्यक्ति द्वारा उन लोगों को रोजगार दिलाने के नाम पर केरल ले जाया गया था. सभी मजदूरों से आधार कार्ड और एक-एक हजार रुपये नकद लेकर दलाल ने उन्हें केरल भेज दिया और कहा कि वह भी पीछे से आ रहा है. जब मजदूर केरल पहुंचे तो वहां वह व्यक्ति मौजूद नहीं था. मजदूरों ने दलाल से संपर्क किया तो उसका मोबाइल स्विच ऑफ मिला.
इसके बाद मजदूरों ने वाहन चालक से अपने आधार कार्ड की मांग की तो चालक ने कहा कि एक हजार रुपये देने के बाद ही आधार कार्ड दिया जायेगा. मजदूरों ने कहा कि जो भी पैसे लाए थे, वह खत्म हो गए हैं. मजदूर भूखे रहने को मजबूर हैं. आधार कार्ड नहीं होने के कारण वे दूसरे जगह पर काम भी नहीं कर पा रहे थे. बच्चे व मजदूर मिलाकर कुल 37 लोग वहां पर फंसे हुए थे. 


Tags:    

Similar News

-->