कल से खुलेंगा 300 साल पुराना तारकेश्वर महादेव मंदिर, श्रद्धालु गर्भगृह में नहीं कर पाएंगे प्रवेश
पश्चिम बंगाल में हुगली जिले के तारकेश्वर (Tarkeshwar) में स्थित बाबा तारकनाथ (Baba Taraknath) का मंदिर कल से कुछ प्रतिबंधों के साथ फिर खुल जाएगा
पश्चिम बंगाल में हुगली जिले के तारकेश्वर (Tarkeshwar) में स्थित बाबा तारकनाथ (Baba Taraknath) का मंदिर कल से कुछ प्रतिबंधों के साथ फिर खुल जाएगा. कल से मंदिर प्रतिदिन सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक खुला रहेगा. भक्त 1 नंबर और 2 नंबर गेट से मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे, लेकिन भक्तों को मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं है. उन्हें मंदिर में बने चैंबर में जल अर्पित करना होगा.
बता दें कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले के मद्देनजर 9 मई से तारकेश्वर मंदिर में प्रवेश पूरी तरह से बंद कर दिया गया था.मंदिर के अधिकारियों कहना है कि आने वाले दिनों में कोरोना की स्थिति को देखते हुए अगला निर्णय लिया जाएगा
कोरोना संक्रमण के कारण मंदिर में प्रवेश पर लगा था प्रतिबंध
सुबह से ही मंदिर में माइकिंग कर मंदिर खुलने की जानकारी दी जा रही है. बता दें कि 10 अप्रैल को कोरोना की दूसरी लहर का असर शुरू होने के बाद से भक्तों को मंदिर के गर्भगृह में अनिश्चित काल के लिए प्रवेश करने से रोक दिया गया था. हालांकि तीन घंटों के कोरोना के नियमों का पालन करते हुए मंदिर में प्रवेश की अनुमति थी, लेकिन 9 मई से मंदिर को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया था.कोरोना की दूसरी लहर में लॉकडाउन के दूसरे चरण में राज्य सरकार ने कुछ पाबंदियों में ढील दी है और कुछ पाबंदियां फिर से लगाई हैं और ऐसे में कल से तारकेश्वर मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा.
बंगाल के प्रमुख मंदिरों में एक है तारकेश्वर महादेव मंदिर
तारकेश्वर महादेव मंदिर बंगाल का प्रमुख शिव मंदिर है. जिसके बारे में कहा जाता है कि भारमल राव ने मंदिर का निर्माण करवाया था. एक दिन रात्रि में तारकनाथ महादेव ने राजा भारमल को स्वप्न में दर्शन देकर कहा कि तुमको मुझमें भक्ति है, तो उस पत्थर की जगह पर मेरा मंदिर बनवाओ. तत्पश्चात राजा भारमल ने उसी स्थान पर तारकेश्वर महादेव का यह मंदिर बनवाया था. झारखंड के बाबा बैद्यनाथ की मंदिर की तरह ही सावन माह में भक्त बाबा तारकेश्वर नाथ का जलाभिषेक करते हैं और इस मंदिर की बहुत ही मान्यता है.