हिमाचल में बनी 29 दवाएं जांच में फेल, राज्य दवा नियंत्रक ने जारी किए नोटिस

Update: 2024-12-29 09:54 GMT
BBN. बीबीएन। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और राज्य दवा नियामकों की जांच में हिमाचल के 22 दवा उद्योगों में निर्मित 29 तरह की दवाएं व इंजेक्शन गुणवत्ता के पैमाने पर खरा नहीं उतर पाए हैं। यह खुलासा सीडीएससीओ द्वारा जारी नवंबर माह के ड्रग अलर्ट में हुआ है। सीडीएससीओ द्वारा शनिवार देर शाम जारी ड्रग अलर्ट में हिमाचल में निर्मित जिन 29 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें हृदय रोग, मधुमेह, एसिडिटी, सूजन, जीवाणु संक्रमण, आयरन की कमी, एनीमिया, खांसी, उच्च रक्तचाप, जीवाणु संक्रमण, पेप्टिक अल्सर रोग, दर्द से राहत, सूखी खांसी, निमोनिया, त्वचा की समस्याएं जैसे सेल्युलाइटिस और कान के संक्रमण, गैस्ट्रोइसोफेगल रिलक्स रोग के उपचार की दवाएं शामिल हैं। सबस्टैंडर्ड पाई गई 29 दवाओं का निर्माण बद्दी, बरोटीवाला, कालाअंब, पावंटा साहिब, सोलन, ऊना सहित अन्य क्षेत्रों में स्थापित उद्योगों में हुआ है। इसके अलावा गुजरात, उत्तराखंड, हैदराबाद, चैन्नई, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश ,जम्मू स्थित दवा उद्योगों में निर्मित 84 दवाएं सबस्टैंडर्ड
निकली हैं।

फिलवक्त हिमाचल के दवा नियंत्रक ने ड्रग अलर्ट में शामिल सभी संबंधित उद्योगों को नोटिस जारी कर कार्रवाई शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक सीडीएससीओ द्वारा जारी नवंबर माह के ड्रग अलर्ट में सीडीएससीओ और राज्यों की लैब में देश के विभिन्न राज्यों में स्थापित दवा उद्योगों में निर्मित 111 दवाओं के सैंपल जंाच में फे ल होने का खुलासा हुआ है। इस फेहरिस्त में हिमाचल के 22 उद्योगों में निर्मित 29 दवाएं शामिल हैं। इसके अलावा दो दवाओं के सैंपल जांच में नकली निकले हैं। सीडीएससीओ की लैब में हुई जांच में 41 दवाए सबस्टैंडर्ड निकली हैं, जिनमें हिमाचल में बनी दवाओं की तादाद 16 है, जबकि राज्यों की लैब में हुई जांच में 70 दवाओं के सैंपल गुणवत्ता के पैमाने पर खरे नहीं उतरे हैं। राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने बताया कि ड्रग अलर्ट में जिन उद्योगों की दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उन सभी को नोटिस जारी कर संबंधित दवा उत्पाद बाजार से हटाने के निर्देश दे दिए गए हैं। इसके अलावा संबंधित सहायक दवा नियंत्रकों से उद्योग का निरीक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट तलब की गई है।
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