छत्तीसगढ़

अनवर ढेबर का किया हुआ अपराध मानवाधिकारों को करता है कमजोर, इसलिए जमानत नहीं

Nilmani Pal
29 Dec 2024 9:16 AM GMT
अनवर ढेबर का किया हुआ अपराध मानवाधिकारों को करता है कमजोर, इसलिए जमानत नहीं
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बिलासपुर। हाईकोर्ट में जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की पीठ ने रायपुर निवासी कारोबारी अनवर ढेबर के जमानत आवेदन को एक टिप्पणी के साथ खारिज कर दिया। पीठ ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने भ्रष्टाचार को केवल दंडनीय अपराध, बल्कि ऐसा कृत्य बताया है जो अप्रत्यक्ष रूप से मानवाधिकारों को भी कमजोर करता है। अदालत ने कहा कि व्यवस्थित भ्रष्टाचार आर्थिक अपराधों को जन्म देता है, जो पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव डालता है।

मालूम हो कि 11 जुलाई 2023 को आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने अनवर ढेबर के खिलाफ मामला दर्ज किया था। उन पर सह अभियुक्त अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी (एमडी, सीएसएमसीएल), विकास अग्रवाल, संजय दीवान और अन्य आबकारी अधिकारियों के साथ मिलकर सिंडिकेट बनाकर प्रदेश में शराब बिक्री से अवैध कमीशन वसूली का आरोप है। ढेबर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (कूटरचना), 471 (कूट दस्तावेज का उपयोग) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत अपराध दर्ज किया गया। अप्रैल 2024 में उन्हें गिरफ्तार किया गया था।

इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने भी नवंबर 2024 में अलग से मामला दर्ज किया, जिसमें आर्थिक अपराध के पहलुओं की जांच जारी है।

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