पश्चिम बंगाल सरकार ने यूक्रेन से लौटे सेकंड और थर्ड इयर के छात्रों को मेडिकल सीट देने का किया फैसला, तो मेडिकल रेगुलेटर ने जताई आपत्ति

केंद्र और बंगाल सरकार के बीच एक बार फिर रस्साकशी देखने को मिल रही हैं। दरअसल, पश्चिम बंगाल सरकार ने युद्ध के कारण यूक्रेन से लौटे सेकंड और थर्ड इयर के छात्रों को मेडिकल सीट देने का फैसला किया है, जिस पर देश के मेडिकल रेगुलेटर ने आपत्ति जताई है।

Update: 2022-05-17 09:26 GMT

केंद्र और बंगाल सरकार के बीच एक बार फिर रस्साकशी देखने को मिल रही हैं। दरअसल, पश्चिम बंगाल सरकार ने युद्ध के कारण यूक्रेन से लौटे सेकंड और थर्ड इयर के छात्रों को मेडिकल सीट देने का फैसला किया है, जिस पर देश के मेडिकल रेगुलेटर ने आपत्ति जताई है।

'द इंडियन एक्सप्रेस' से बातचीत करते हुए नेशनल मेडिकल कमीशन और स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि जो भी छात्र इस प्रकार अपनी शिक्षा पूरी करेंगे उन्हें स्क्रीनिंग टेस्ट में आवेदन नहीं करने दिया जाएगा। बता दें, विदेशों से शिक्षा प्राप्त करने वाले मेडिकल ग्रेजुएट को भारत में मेडिकल प्रक्टिस करने के लिए टेस्ट देना होता है।
पिछले महीने 28 अप्रैल को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि रूस- यूक्रेन युद्ध के कारण भारत लौटे 412 छात्रों को सरकार मेडिकल शिक्षा में समायोजित करेगी। इसके साथ उन्होंने केंद्र सरकार पर भी छात्रों की जिम्मेदारी न उठाने को लेकर सवाल उठाएं।


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