बंगाल लोक सेवा आयोग के सामने प्रतिभागी छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन, पुलिस से हुई भिड़ंत
दक्षिण कोलकाता स्थित पश्चिम बंगाल लोक सेवा आयोग (डब्ल्यूबीपीएससी) के कार्यालय के बाहर शुक्रवार को करीब सौ प्रतिभागी छात्रों ने नियुक्ति में देरी और अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए.
कोलकाता, दक्षिण कोलकाता स्थित पश्चिम बंगाल लोक सेवा आयोग (डब्ल्यूबीपीएससी) के कार्यालय के बाहर शुक्रवार को करीब सौ प्रतिभागी छात्रों ने नियुक्ति में देरी और अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। इसको लेकर प्रदर्शनकारी छात्रों की पुलिस के साथ झड़प भी हो गई। अधिकारियों ने बताया कि यह झड़प तब शुरू हुई जब मुदियाली इलाके में स्थित डब्ल्यूबीपीएससी के कार्यालय में घुसने की कोशिश कर रहे प्रतिभागी छात्रों को पुलिस ने रोकने की कोशिश की।
इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की और हाथापाई तक हुई। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि वे छह साल से नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, धक्का-मुक्की की घटना के बाद पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कम से कम 20 प्रदर्शनकारियों को धक्का-मुक्की व पुलिसकर्मियों पर हमले के आरोप में हिरासत में लिया गया है। वहीं, प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि भीषण गर्मी के दौरान धक्का-मुक्की में उसके तीन-चार लोग बीमार हो गए। छात्रों के यहां विरोध प्रदर्शन के चलते तनाव का माहौल बना रहा।
बता दें कि हाई कोर्ट ने 28 दिनों के भीतर खाद्य विभाग में एएसआइ पद पर नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया था। प्रतिभागी छात्रों का आरोप है कि समय सीमा पार हो जाने के बावजूद नियुक्तियों के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए, जिसको लेकर वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। उनका कहना था कि कानूनी जटिलताएं खत्म हो जाने और कोर्ट के निर्देश के बावजूद राज्य सरकार ने नियुक्तियां नहीं की है। इधर, करीब एक घंटे तक हंगामे के बाद प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझाकर वहां से हटाया गया।
एक आंदोलनकारी ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद खाद्य विभाग में एएसआइ पद पर नियुक्ति शुरू नहीं हुई है। पैनल में नाम होने के बावजूद हमें अभी तक नौकरी नहीं दी गई। हमारी मांग है कि जल्द से जल्द नियुक्ति शुरू होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि पीएससी ने 2018 में ही नियुक्ति के लिए परीक्षा ली थी। मेरिट लिस्ट में नाम रहने के बावजूद लिस्ट में से केवल 100 लोगों को नौकरी दी गई। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक मेरिट लिस्ट में शामिल सभी लोगों को नौकरी नहीं दी जाएगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा।