सैन्य अफसर देने में उत्तराखंड ने कई बड़े राज्यों को भी पछाड़ा, जानें बाकि राज्यों का हाल

उत्तराखंड के जांबाज सीडीएस जनरल बिपिन रावत को खोने के गम के बीच राज्य के युवाओं ने गर्व से सीना चौड़ा करने वाली खबर दी है।

Update: 2021-12-11 04:41 GMT

फाइल फोटो 

 जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तराखंड के जांबाज सीडीएस जनरल बिपिन रावत को खोने के गम के बीच राज्य के युवाओं ने गर्व से सीना चौड़ा करने वाली खबर दी है। कई बड़े राज्यों को पछाड़ते हुए इस बार उत्तराखंड सेना को अफसर देने में अव्वल रहा है। आईएमए से पास आउट होने वाले कैडेटों में यूपी के बाद उत्तराखंड दूसरे नंबर पर है।आबादी के हिसाब से उत्तराखंड सैन्य अफसर देने में कई बड़े राज्यों से कहीं आगे है।

भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) की पासिंग आउट परेड निर्धारित समय पर ही होगी। बतौर रिव्यूइंग अफसर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जेंटलमैन कैडेट्स की सलामी लेंगे। इस बार आईएमए से 387 जेंटलमैन कैडेट पासआउट होने जा रहे हैं, जिनमें से 319 बतौर अफसर भारतीय सेना से जुड़ेंगे। इस बार मित्र देशों के 68 जेंटलमैन कैडेट भी पासआउट होंगे।
इस बार बिहार, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य भी पीओपी में कैडेटों के संख्या बल में उत्तराखंड से पीछे हैं। पिछले सालों तक जहां उत्तराखंड चौथे या पांचवें स्थान पर रहता था, इस बार दूसरे नंबर पर रहा है। शनिवार को पास आउट होने वाले कैडेटों में उत्तराखंड से 43 कैडेट पास आउट होंगे, जो करीब 13 फीसदी हैं। आबादी के हिसाब से उत्तराखंड देश में 20वें स्थान पर है। देश में सर्वाधिक जनसंख्या वाले यूपी के उत्तराखंड से दो ज्यादा यानि 45 कैडेट पासआउट होंगे।
इस बार परिजन शामिल पर सादगी से होगी परेड
आईएमए में कोरोनाकाल में यह चौथी पासिंग आउट परेड होने जा रही है। इस साल जून में आयोजित पीओपी में परिजन शामिल नहीं हो पाए थे। इस बार परिजन शामिल हो पाएंगे। उन्हें अपने लाडलों के कंधे पर स्टार सजाने का मौका मिलेगा। हालांकि सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के चलते इस बार आयोजन को सादगीभरा रखा है। शुक्रवार रात को होने वाले लाइड एंड साउंड समेत कई इवेंट रद रहे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बतौर रिव्यूइंग अफसर परेड की सलामी लेंगे।
नेपाल मूल का एक नौजवान बनेगा भारतीय अफसर: आईएमए देहरादून से इस बार नेपाल मूल का सिर्फ एक कैडेट पास आउट होकर भारतीय सेना में अफसर बनेगा। पिछले सालों तक
दो से पांच तक आंकड़ा रहता था।
राज्यवार इतने कैडेट होंगे भारतीय सेना में शामिल
उत्तर प्रदेश 45, उत्तराखंड 43, हरियाणा 34, राजस्थान 23, बिहार 26, पंजाब 22, मध्य प्रदेश 20, महाराष्ट्र 20, हिमाचल 13, जम्मू कश्मीर 11, दिल्ली 11, तमिलनाडू् 07, कर्नाटक 06, आंध्र प्रदेश 05, चंडीगढ़ 05, केरला 05, झारखंड 04, वेस्ट बंगाल 03, तेलंगाना 03, असम 02, छत्तीसगढ़ 02, गुजरात 02, मणिपुर 02, मिजोरम 02, ओडिशा 02, नेपाल मूल (भारतीय सेना) 01। इसके अलावा मित्र देशों के 68 विदेशी कैडेट भी पासआउट होंगे।
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