एसटीएफ की अब नशा तस्करी पर बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक, एनसीबी के साथ मिलकर तस्करों पर नकेल कसेगी, 50 की कुंडली तैयार
एसटीएफ अब नशा तस्करी के धंधे पर बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक करने जा रही है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एसटीएफ अब नशा तस्करी के धंधे पर बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक करने जा रही है। नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के साथ मिलकर कई बड़े नशे के धंधे में शामिल बड़े मगरमच्छों की कुंडली तैयार की जा चुकी है। इनकी गिरफ्तारी के साथ-साथ अब इनकी संपत्ति जब्त करने की भी तैयारी की जा रही है। इस संबंध में पिछले दिनों पुलिस मुख्यालय में एनसीबी के अधिकारियों ने एसटीएफ के साथ बैठक कर इस रणनीति को तैयार किया है।
बता दें कि उत्तराखंड में ज्यादातर नशे की खेप उत्तर प्रदेश के बरेली, रामपुर, मुरादाबाद आदि से जाती है। इसके अलावा नेपाल से भी अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के जरिए यहां पर नशे की सप्लाई की जाती है। लेकिन, पिछले कुछ समय में सिंथेटिक ड्रग ने पुलिस की चुनौती बढ़ाई है। इस ड्रग का गढ़ उत्तर प्रदेश के बरेली को माना जाता है। पिछले साल एसटीएफ और एनसीबी ने कुछ ऐसे तस्करों को गिरफ्तार किया था, जिनसे पता चला था कि वहां पर बकायदा हेरोइन की फैक्ट्री चल रही है।
इन तस्करों और सिंथेटिक ड्रग के अवैध निर्माताओं पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है। ऐसे कम से कम 50 तस्करों की कुंडली तैयार की गई है। जल्द ही एसटीएफ इनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकती है। एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि नशा तस्करी के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। अब कुछ नई रणनीति बनी है। इस पर जल्द ही कुछ बड़ी कार्रवाई की जाएंगी।
इस बार चुनाव में भी देखने को मिला ड्रग तस्करी का खेल
इस बार चुनाव में शराब और धन के साथ-साथ अवैध ड्रग की तस्करी का खेल भी देखने को मिला। नौ जनवरी से 14 फरवरी तक उत्तराखंड पुलिस ने कुल 191 मुकदमें दर्ज किए। इनमें 211 तस्करों को गिरफ्तार किया गया। जबकि, इनके कब्जे से लगभग 298 किलोग्राम ड्रग्स बरामद की गई। इस ड्रग की अनुमानित कीमत पांच करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। इस तरह का ट्रेंड पहली बार देखने को मिला है जब इतनी बड़ी संख्या में चुनाव से पहले ड्रग तस्करी पकड़ी गई है।