नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास की सजा

नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी

Update: 2022-05-18 15:27 GMT
टिहरी: विशेष न्यायाधीश पॉक्सो और जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म कर उसे जान से मारने का प्रयास करने वाले दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा दोषी पर 25 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना जमा न करने पर आरोपी को 3 माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. कोर्ट ने जुर्माने की राशि पीड़िता को देने के आदेश दिए हैं.
विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) चंद्रवीर सिंह नेगी ने बताया कि जौनपुर ब्लॉक के एक गांव में 30 मई 2019 को एक महिला ने थाने में तहरीर दी थी. तहरीर में महिला ने बताया था कि वह अपने पति के साथ खेत में कार्य करने गई थी. इस दौरान उसकी 9 साल की नाबालिग बेटी घर अकेले थी, जिसका फायदा उठाकर पास का एक दुकानदार उसे बहला-फुसलाकर अपनी दुकान के अंदर ले गय, जहां उसने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया.
पढ़ें-पीड़िता के चिल्लाने पर स्थानीय लोग वहां पहुंचे, लेकिन तब तक दोषी फरार हो चुका था. ग्रामीणों की सूचना पर पीड़िता के माता-पिता मौके पर पहुंचे तो बच्ची लहूलुहान हालत में मिली. इसके बाद तहरीर के आधार पर घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने पॉक्सो, एससी-एसटी एक्ट और अन्य गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज करते हुए दोषी की तलाश शुरू की और कुछ समय बाद ही उसे गिरफ्तार कर लिया था.
मेडिकल जांच में भी बच्ची के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी. पुलिस ने गवाहों के आधार पर आरोपी के खिलाफ 30 जुलाई 2019 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया. अभियोजन की ओर से कोर्ट में 13 गवाह और 22 कागजी दस्तावेज प्रस्तुत किए गए. बुधवार को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो)/जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार संगल की अदालत में मामले में जिरह हुई. अभियोजन ने मांग की कि जिस दरिंदगी के साथ दोषी ने घटना को अंजाम दिया है, उसे कठोर सजा दी जाए. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपी का दोष सिद्ध पाते हुए उसे आजीवन कारावास और 25 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.
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