महिला और बाल अपराधों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाएं

Update: 2023-07-14 08:18 GMT

देहरादून न्यूज़: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों के मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने के निर्देश दिए हैं.

सचिवालय में महिलाओं और बाल अपराध की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि ऐसे अपराधों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाकर अपराधियों को सजा दिलाई जाए. अभियोजन विभाग की मजबूती के लिए अन्य राज्यों का भी अध्ययन किया जाए. महिलाओं से संबंधित अपराधों में पुलिस जांच त्वरित और समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित की जाए. ऐसे मामलों की विवेचना में किसी प्रकार की कमी न रहने पाए. साथ ही न्यायालयों में भी प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की जाए. प्रदेश में ऐसा माहौल बने कि कोई भी अपराध करने की सोच भी न पाएं. शिकायतकर्ता महिलाओं से भी समय-समय पर फीडबैक लिया जाए. इस संबंध में महिलाओं और बच्चों से जुड़े संगठनों से भी नियमित सम्पर्क रखा जाए. सिस्टम इस प्रकार का हो कि महिलाओं का इसके प्रति विश्वास बढ़े और वे अपनी शिकायतें बिना संकोच के दर्ज करा सकें.

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में गौरा शक्ति योजना के तहत थाना स्तर पर महिला हेल्प डेस्क स्थापित की गई है. जनपद और राज्य स्तर पर महिला कांउसलिंग सेल गठित किया गया है. प्रत्येक थाने में एक महिला उपनिरीक्षक तथा चार महिला कांस्टेबल की तैनाती की गई है.

जिलों में गठित हैं विशेष इकाइयां

प्रदेश में बाल अपराधों पर नियन्त्रण के लिए भी जनपद में विशेष किशोर पुलिस इकाई, बाल कल्याण पुलिस अधिकारी, बाल मित्र थाने की स्थापना और पॉक्सो मामलों के लिए स्पेशल टास्क फोर्स गठित की गई है. आपरेशन मुक्ति के तहत 2017 से अब तक प्रदेश में 7670 बच्चों का सत्यापन तथा 3603 बच्चों का विद्यालयों में दाखिला किया गया है. जबकि आपरेशन स्माइल के तहत 2015 से 2021 के बीच गुमशुदा 2221 बच्चे तथा 604 महिलाओं को बरामद किया गया.

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