न्यायमूर्ति विपिन सांघी कल उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर लेंगे शपथ
उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर देहरादून राजभवन में लेंगे शपथ
नैनीताल: न्यायमूर्ति विपिन सांघी (Justic Vipin Sanghi) कल उत्तराखंड उच्च न्यायालय (Uttarakhand Highcourt) के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर देहरादून राजभवन में शपथ लेंगे. उन्हें राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रि) गुरमीत सिंह शपथ दिलाएंगे. शपथ ग्रहण समारोह शाम 6.15 बजे होगा. न्यायमूर्ति सांघी नैनीताल हाईकोर्ट (Nainital HIghcourt) के 12वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे.
कल शपथ लेंगे जस्टिस विपिन सांघी: इससे पहले न्यायमूर्ति अशोक देसाई, एच.एस.कपाड़िया, विकास श्रीधर शिरपुरकर, सीरियक जोसेफ, राजीव गुप्ता, विनोद गुप्ता, जेएस खेहर, बारिन घोष, केएम जोसेफ, रमेश रंगनाथन और राघवेंद्र सिंह चौहान मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं. वर्तमान में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा हैं. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की कोलॉजियम ने 17 मई को दिल्ली हाईकोर्ट के वरिष्ठ जज न्यायमूर्ति विपिन सांघी को उत्तराखंड हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की थी. जानिए कौन हैं न्यायमूर्ति विपिन सांघी: न्यायमूर्ति विपिन सांघी का जन्म 27 अक्टूबर 1961 को नागपुर में हुआ. साल 1965 में वो परिवार के साथ नागपुर से दिल्ली स्थानांतरित हो गए. दिल्ली में स्कूली शिक्षा प्राप्त की और साल 1980 में दिल्ली पब्लिक स्कूल से इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की. उन्होंने 1983 में दिल्ली विश्वविद्यालय से बीएससी गणित (ऑनर्स)से स्नातक किया और उसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय की लॉ फैकल्टी से एलएलबी किया. इसी वर्ष उन्होंने एक वकील के रूप में दिल्ली बार काउंसिल में दाखिला लिया.
बता दें कि न्यायमूर्ति विपिन सांघी के दादा स्वर्गीय वीके सांघी और पिता स्वर्गीय जीएल सांघी भी वरिष्ठ अधिवक्ता रहे हैं. न्यायमूर्ति सांघी ने प्रारंभ में मुकुल रोहतगी, वरिष्ठ अधिवक्ता के साथ कार्य किया. सर्वोच्च न्यायालय में केंद्र सरकार के पैनल वकील के रूप में भी सांघी नियुक्त हुए. वहीं, दिसंबर, 2005 में उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था. इन्होंने कई अंतर्राष्ट्रीय कानून सम्मेलनों में भाग लिया है. 29 मई, 2006 से दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त और 11 फरवरी, 2008 को एक न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए.