हरिद्वार : उत्तराखंड सरकार के खिलाफ माघ मेले से बजेगा बिगुल, रविवार को प्रयाग में जुटेंगे संत

प्रयागराज में होने वाले माघ मेले में पहुंचे संतों ने हरिद्वार धर्म संसद मामले में संतों के खिलाफ मुकदमे दर्ज होने पर उत्तराखंड सरकार को चेतावनी दी है।

Update: 2022-01-14 03:33 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रयागराज में होने वाले माघ मेले में पहुंचे संतों ने हरिद्वार धर्म संसद मामले में संतों के खिलाफ मुकदमे दर्ज होने पर उत्तराखंड सरकार को चेतावनी दी है। संतों ने प्रयागराज से वीडियो जारी कर कहा कि दर्ज मुकदमे वापस नहीं लिए गए तो उत्तराखंड सरकार के खिलाफ प्रयागराज की धरती से आंदोलन का बिगुल फूंका जाएगा।

प्रयागराज माघ मेले में पहुंचे भैरव बाबा ने वीडियो में कहा कि 16 जनवरी को प्रयाग में दस हजार संत और महंत उत्तराखंड सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। शासन-प्रशासन ने कहा कि मुकदमे वापस लिए जाएं।
उन्होंने कहा कि प्रयागराज में किसी को भी स्नान करने नहीं दिया जाएगा। वहीं, रसिक पीठाधीश्वर महंत जन्मेजय शरण ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने संतों के ऊपर कुठाराघात किया है। उन्होंने कहा कि संतों पर मुकदमा दर्ज करना सरकार को महंगा पड़ेगा। सभी धर्माचार्य उत्तराखंड सरकार के इस कार्य की घोर निंदा करते हैं।
आज शुरू होगा माघ मेला
शुक्रवार को प्रथम पुण्य की डुबकी के साथ ही संगम पर मास पर्यंत चलने वाले जप-तप, ध्यान के मेले का आरंभ हो जाएगा। 15 जनवरी को भी मकर संक्रांति होने से इस बार डुबकी दो दिन लगेगी।
मन, वचन और कर्म तीनों प्रकार से जाने-अनजाने में हुए पापों से मुक्त होने के लिए महीने भर ध्यान और स्नान का मेला मिलन की भूमि संगम पर आकार ले चुका है। अब हर किसी को इंतजार है सूर्य के उत्तरायण होने का। गंगा, यमुना और विलुप्त सरस्वती के तट पर भगवान सूर्य के उत्तरायण होते ही प्रथम स्नान पर्व की डुबकी आरंभ हो जाएगी। हालांकि मकर संक्रांति के स्नान के लिए देश के कोने-कोने से संतों-भक्तों से पहुंचने का सिलसिला कड़ाके की ठंड के बीच शुरू हो चुका है।
16 प्रवेश द्वारों पर थर्मल स्क्रीनिंग, 12 सर्विलांस टीमें तैनात
मेला प्रशासन ने कोविड प्रोटोकॉल के बीच स्नान की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। मेले के सभी 16 प्रवेश द्वारों और पार्किंग स्थलों पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा प्रत्येक सेक्टर में 12 सर्विलांस टीमें तैनात की गई हैं, जो मेले में आने वाले श्रद्धालुओं कल्पवासियों की आरटीपीसीआर जांच करेंगी। इसके अलावा कोविड-19 के टीकाकरण और सैंपलिंग के लिए भी छह-छह केंद्र बनाए गए हैं।
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