पुण्यतिथि: कुमाऊं भ्रमण के दौरान 1929 में अल्मोड़ा पहुंचे थे बापू, अल्मोड़ा वासियों में जगाई थी आजादी की अलख, किया था जनसभा को संबोधित

गुलाम भारत को आजाद कराने के लिए देश में चल रहे स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी अल्मोड़ा आए थे।

Update: 2022-01-30 05:29 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गुलाम भारत को आजाद कराने के लिए देश में चल रहे स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (बापू) अल्मोड़ा आए थे। यहां के लोगों के आतिथ्य सत्कार और प्राकृतिक सौंदर्य से वे गदगद हो गए थे। 20 जून 1929 को अल्मोड़ा के लक्ष्मेश्वर मैदान और चौघानपाटा में बापू ने एक जनसभा को संबोधित कर लोगों में स्वतंत्रता की अलख जगाई थी।

हरीश चंद्र जोशी के घर पर किया था रात्रि विश्राम
कुमाऊं भ्रमण के दौरान गांधी 19 जून 1929 की शाम अल्मोड़ा पहुंचे थे। रानीधारा में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी (एडवोकेट) हरीश चंद्र जोशी के घर पर उन्होंने रात्रि विश्राम किया था। 20 जून 1929 को लक्ष्मेश्वर मैदान में बापू ने जनसभा को संबोधित किया। बापू का संबोधन इस तरह था--'मेरे प्यारे भाइयो, बहनो हमें स्वराज चाहिए। स्वराज के मार्ग में डर (भय) रुकावट है। आप सभी लोग डर को बिल्कुल छोड़ दें।' उन्होंने लोगों में आजादी के आंदोलन के प्रति जोश भरा। नगर के मल्ला जोशीखोला में बापू ने महिलाओं की सभा को भी संबोधित किया था।
बापू के आह्वान पर तब महिलाएं भी आजादी के आंदोलन और क्रांतिकारियों की मदद के लिए आगे आई थीं। इसके बाद गांधीजी कौसानी गए थे। पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने बताया कि बापू ने लक्ष्मेश्वर में जहां जनसभा की थी पालिका ने 1998 में वहां पर गांधी सभा स्थल बनाया। तीन साल पहले वहां पर शहीद स्मारक भी बनाया गया जिसे अब गांधी सभा स्थल शहीद पार्क लक्ष्मेश्वर के नाम से जाना जाता है। पालिका के पूर्व सभासद अशोक पांडे ने शहीद स्मारक को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग की है।
घायल को देखने अस्पताल पहुंचे थे बापू
महात्मा गांधी की विनम्रता का एक नमूना उनके अल्मोड़ा आगमन पर भी देखने को मिला। पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी बताते हैं कि गांधी 1929 में लक्ष्मेश्वर में जनसभा को संबोधित करने जा रहे थे। इस दौरान बापू के वाहन से एक व्यक्ति घायल हो गया था। बापू घायल को देखने के लिए अस्पताल पहुंच गए। राष्ट्रपिता ने अस्पताल में भर्ती घायल का हाल जाना और कहा था, मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूं। बापू की इस विनम्रता को देखकर घायल भी भावुक हो गया था।
अल्मोड़ा के आतिथ्य से अभिभूत थे बापू
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अल्मोड़ा आगमन पर लोगों ने उनका खूब आदर सत्कार किया। लोगों का आतिथ्य सत्कार और यहां का प्राकृतिक सौंदर्य उन्हें भा गया था। बापू ने यंग इंडिया में भी इस बात का जिक्र किया है। लिखा है कि प्रेम और चिंता को आंकना मुश्किल है फिर भी अल्मोड़ा के आतिथ्य को भुलाया नहीं जा सकता है।
आजादी के लिए बापू ने बर्तन कर दिए थे नीलाम
भारत की आजादी के लिए महात्मा गांधी ने अपने बर्तन तक नीलाम कर दिए थे। बापू जब अल्मोड़ा आए थे तो उन्होंने अपना चांदी का लोटा भी नीलाम कर दिया था। उस दौर में नगर के व्यवसायी धनी शाह ने बापू का लोटा खरीदा था।
चौघानपाटा में बना है गांधी पार्क
नगर के माल रोड में बापू की स्मृति में गांधी पार्क बना है। इस पार्क में राष्ट्रपिता की मूर्ति लगी है। पर्यटक जब भी अल्मोड़ा पहुंचते हैं तो वे ऐतिहासिक गांधी सभा स्थल समेत गांधी पार्क का दर्शन जरूर करते हैं।
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