उत्तराखंड प्रेस क्लब में CM धामी ने कहा, 'एक गांव को गोद लेने' की पहल में एनआरआई की दिलचस्पी
Dehradun: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को देहरादून में उत्तरांचल प्रेस क्लब की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी उत्तराखंडियों ने ‘एक गांव गोद लें’ कार्यक्रम में रुचि दिखाई है और अपने प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखे हैं।
प्रवासियों के सुझावों पर चिह्नित गांवों के लिए विस्तृत विकास योजना तैयार की जा रही है। उक्त गांव विकास के रोल मॉडल बनने के साथ ही अन्य प्रवासियों के लिए प्रेरणा का काम भी करेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर विदेशों में रह रहे प्रवासी भारतीयों के लिए चलाए जा रहे ‘एक गांव गोद लें’ कार्यक्रम में रुचि दिखाते हुए कई प्रवासी भारतीयों ने अपने लिए गांवों की पहचान की है। इसके साथ ही चिह्नित गांवों के विकास का रोडमैप भी राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। 'एक गांव गोद लो' कार्यक्रम का विचार 05 मार्च को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा विभिन्न देशों में रह रहे प्रवासी उत्तराखंडियों के साथ आयोजित संवाद में सामने आया। जिसमें मुख्यमंत्री ने प्रवासी भारतीयों से राज्य के एक या एक से अधिक गांवों को गोद लेने की अपील की थी। इसके बाद कई प्रवासी भारतीयों ने गांवों की पहचान कर यहां किए जाने वाले कार्यों का खाका राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया है।
चीन निवासी देव रतूड़ी ने टिहरी जिले के सुनार गांव व कमैरा सौड़ गांव में सोलर लाइट लगाने, चीन के होटल उद्योग में युवाओं को रोजगार दिलाने व शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग करने की परियोजना पर काम शुरू कर दिया है। इसी तरह वर्तमान में अमेरिका में रह रहे उद्यमी शैलेश उप्रेती ने अपनी कंपनी का इंडिया कॉरपोरेट ऑफिस खोलने व अल्मोड़ा जिले में स्थित मनान गांव में एनर्जी स्टोरेज सेंटर खोलने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। वर्तमान में यूएई में रह रहे टिहरी जिले के मूल निवासी विनोद जेठूरी ने उत्तराखण्ड की सीमा से लगे उत्तरकाशी जिले के ओसला गांव में कौशल प्रशिक्षण की दिशा में काम करने की इच्छा जताई है, तो पिथौरागढ़ निवासी गिरीश पंत ने बजेत व बरस्यात गांव में शिक्षा, कम्प्यूटर शिक्षा के साथ ही स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में काम करने की इच्छा जताई है।
पौड़ी जिले के निवासी डॉ. एके काला थाईलैंड में उद्यमी हैं, उन्होंने पौड़ी जिले के किसी एक गांव के मेधावी छात्रों की शिक्षा में मदद करने की इच्छा जताई है। वर्तमान में यूके में निवासरत नैनीताल जिले की नीरू अधिकारी ने नौकुचियाल के निकट एक्वा तोक में कीवी उत्पादन, ध्यान योग केंद्र स्थापित करने तथा देहरादून जिले के सभावाला गांव में कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने की योजना प्रस्तुत की है।
योजना का उद्देश्य अप्रवासी उत्तराखंडियों की विशेषज्ञता, अनुभव एवं वित्तीय सहायता से गांव का सभी पहलुओं से विकास करना है। यह प्रक्रिया पूर्णतः स्वैच्छिक है, अप्रवासी इसके लिए अपना या किसी अन्य गांव का चयन कर सकते हैं। राज्य सरकार प्रवासियों से विचार-विमर्श कर आपसी सहमति के आधार पर शुरुआती 2-3 वर्षों के लिए गांव के विकास का रोडमैप तैयार करती है। इसके लिए अप्रवासियों और स्थानीय प्रशासन के बीच एमओयू हस्ताक्षरित करने का भी प्रावधान है। प्रवासियों द्वारा चिन्हित गांव में शिक्षा, इंटरनेट कनेक्टिविटी, छात्रवृत्ति, उद्यमिता एवं स्वरोजगार को बढ़ावा देने जैसे कार्य किए जा सकेंगे।
निर्माण गतिविधियां केवल अपरिहार्य एवं आवश्यक परिस्थितियों में ही किए जाने का प्रावधान है। जिलाधिकारी चिन्हित गांव में चल रहे कार्यक्रमों की निगरानी करते हुए उसे आदर्श गांव के रूप में विकसित करेंगे।