Dehradun: बीकेटीसी में सुधारों और बदलावों के सशक्त नेतृत्व का समापन: अजेंद्र अजय
अजेंद्र अजय का तीन वर्षीय कार्यकाल 7 जनवरी को समाप्त होगा
देहरादून: बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का तीन वर्षीय कार्यकाल 7 जनवरी को समाप्त हो रहा है। इस अवधि में उन्होंने तमाम चुनौतियों और विरोधों के बावजूद बीकेटीसी को नई दिशा और पहचान दी। अध्यक्ष के रूप में उनके तीन साल के कार्यकाल को सुधारों और प्रभावी प्रबंधन के लिए याद किया जाएगा। अजेंद्र अजय ने बीकेटीसी के ढांचे और कार्य संस्कृति में व्यापक सुधार लाने का प्रयास किया। 1939 में गठित इस संस्था में पहली बार उन्होंने व्यापक स्तर पर कार्मिक स्थानांतरण और निलंबन जैसे सख्त कदम उठाए। उन्होंने कार्मिकों को आतिथ्य और प्रबंधन की ट्रेनिंग प्रदान कर बीकेटीसी को अधिक सुव्यवस्थित बनाया।
उन्होंने वित्तीय पारदर्शिता पर जोर देते हुए वित्त अधिकारी का पद सृजित कराया। इसके परिणामस्वरूप बीकेटीसी की आय में कई गुना वृद्धि हुई और पहली बार दस करोड़ रुपये की धनराशि यात्रा व्यवस्थाओं के लिए प्रदेश सरकार को सौंपी गई अजेंद्र ने बीकेटीसी के कर्मचारियों के लिए सेवा नियमावली बनवाई, जो नियुक्ति और पदोन्नति प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करती है। साथ ही उन्होंने कई उपेक्षित मंदिरों के जीर्णोद्धार और विश्राम गृहों के उन्नयन पर भी ध्यान दिया। केदारनाथ धाम के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करने का निर्णय उनके कार्यकाल की चर्चित पहल रही। हालांकि, इस पर विवाद भी हुआ, लेकिन यह श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बन गया।
अजेंद्र ने बीकेटीसी में अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाई। दर्शनों के नाम पर चल रहे अवैध कारोबार को रोकने के लिए सुरक्षा संवर्ग का गठन किया। सुरक्षा संवर्ग का नेतृत्व पुलिस उपाधीक्षक स्तर का अधिकारी करेगा। शासन ने सुरक्षा संवर्ग के लिए 57 पदों के सृजन की अनुमति दे दी है। यदि सब कुछ योजनानुसार रहा तो आगामी यात्राकाल में मंदिरों में दर्शन व्यवस्था का जिम्मा बीकेटीसी के सुरक्षाकर्मियों के हाथ में होगी। हालांकि, उनके सुधारवादी कदमों ने उन्हें कुछ लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा।
अजेंद्र अजय ने अपने कार्यकाल के समापन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कोविड के बाद चारधाम यात्रा को पुनः पटरी पर लाना चुनौतीपूर्ण था। देश विदेश से आने वाले यात्रियों की बढ़ती संख्या राज्य के लिए सुखद रही। सरकार और मंदिर समिति की ओर से यात्रियों के हर बेहतर से बेहतर सुविधा देने के लिए संकल्पित होकर कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि धामी सरकार के प्रयासों से शीतकाल यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी इंतजात किए गए है।