उत्तराखंड के लिए बुरी खबर: गढ़वाल राइफल का वीर हुआ सपूत

Update: 2022-03-17 12:32 GMT

देहरादून न्यूज़: बात जब देश सेवा की हो तो उत्तराखंड का कोई मुकाबला नहीं। यहां के वीर जवान देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने के लिए हर वक्त तैयार रहते हैं। पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले अमित अणथ्वाल भी देश के लिए कुछ करने का जज्बा लेकर सेना में शामिल हुए थे। साल 2020 में अमित आतंकियों के साथ हुई आमने-सामने की लड़ाई में शहीद हो गए। शहादत से पहले अमित ने एक आतंकी को मौत के घाट उतारा। वीरता और शौर्य का परिचय देने वाले अमित को मरणोपरांत सेना मेडल से नवाजा गया। ऊधमपुर में नॉर्दर्न कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अमित की माताजी को सेना मेडल भेंट किया। बता दें कि 4 अप्रैल 2020 को ऑपरेशन रणभेरी बेहक के दौरान अमित अणथ्वाल ने अदम्य साहस का परिचय दिया। अमित अणथ्वाल सेना के पैराट्रूपर ग्रुप का हिस्सा थे। आगे पढ़िए

ऑपरेशन के दौरान 15 गोलियां लगने के बाद भी अमित आमने-सामने की लड़ाई लड़ते रहे। इस दौरान अमित ने एक आतंकी को मौत के घाट उतारा। अमित कुमार अणथ्वाल 9 दिसंबर 2011 को गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हुए थे। वो 4-पैरा स्पेशल फोर्स कार्यरत थे और उनकी तैनाती कुपवाड़ा क्षेत्र में थी। बीते दिन ऊधमपुर स्थित उत्तरी कमान में आयोजित अलंकरण समारोह में 19 शहीदों को वीरता सेना पदक से सम्मानित किया गया। जिनमें शहीद अमित अणथ्वाल भी शामिल थे। शहीद अमित का परिवार पौड़ी गढ़वाल के क्वाला गांव में रहता है। शहीद को मिलने वाला सम्मान उनकी माता ने ग्रहण किया। मेडल को छूते ही मां की आंखें छलछला गईं। शहीद Amit Anthwal भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन देश के लिए दिए गए उनके सर्वोच्च बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।

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