अग्निपथ योजना: पुलिस ने किया NSUI का पुतला दहन कार्यक्रम विफल

अग्निपथ योजना

Update: 2022-06-19 11:28 GMT

खटीमाः केंद्र सरकार ने एक बड़ी महत्वाकांक्षी योजना 'अग्निपथ' लॉन्च की, लेकिन देशभर के साथ ही उत्तराखंड में भी इसका जोरदार विरोध हो रहा है. युवा सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे युवा उपद्रव भी मचा रहे हैं. लिहाजा, उत्तराखंड में पुलिस अलर्ट पर है. प्रदर्शन के मद्देनजर खटीमा में भी भारी पुलिस बल तैनात किया है. पुलिस हर आने जाने वाले व्यक्ति से पूछताछ कर रही है. साथ ही चेकिंग अभियान चलाकर शहर में शांति भंग होने से रोकने का प्रयास कर रही है.

युवाओं की ओर से अग्निपथ योजना का विरोध किए जाने की आशंका के चलते पूरे खटीमा क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात है. पुलिस बल हर चौराहे पर हेलमेट पहनकर जा रहे युवाओं को रोककर पूछताछ कर रही है. इसके अलावा एनएसयूआई की ओर से सरकार का पुतला दहन की घोषणा को देखते हुए पुलिस तैनात रही. जिसके चलते एनएसयूआई का पुतला फूंकने का कार्यक्रम विफल हो गया.

वहीं, तहसील गेट पर भी पुलिस ने हर आने जाने वाले की सघनता से चेकिंग की. कोतवाली खटीमा के वरिष्ठ पुलिस उप निरीक्षक देवेंद्र गौरव ने बताया कि अग्निपथ योजना का युवा विरोध कर रहे हैं. ऐसे में शहर में अराजकता की स्थिति न बने, इसके लिए जगह-जगह पुलिस बल तैनात किया है. पुलिस हर स्थिति पर पैनी नजर रख रही है. पुलिस का प्रयास है कि खटीमा में शांति व्यवस्था भंग न हो.

क्या है अग्निपथ योजना? केंद्र सरकार ने बीती 14 जून को एक बड़ी महत्वाकांक्षी योजना लॉन्च की. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में सेवा के लिए एक आकर्षक भर्ती योजना 'अग्निपथ' (Agnipath) को मंजूरी दी. इसमें अग्निवीर (Agniveer) युवाओं को कम उम्र में सैन्य प्रशिक्षण के साथ-साथ स्वरोजगार के काबिल भी बनाया जाएगा. इस दौरान उन्हें शानदार वेतन भी मिलेगा. पहले साल 46 हजार युवक-युवतियों की भर्ती जाएगी. यहां संख्या हर साल कम या ज्यादा हो सकती है. यह योजना सेना भर्ती रैलियों की जगह लेगी.

सेनाओं में भर्ती के लिए अग्निपथ की घोषणा होते ही ये योजना विवादों में घिर गई है. युवाओं का सबसे बड़ा सवाल केवल चार साल के लिए हो रही भर्ती को लेकर है. दूसरा सवाल चार साल की सेवा के बाद 75 पर्सेंट युवाओं को रिटायर करने को लेकर है. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि इस योजना को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाना चाहिए और लंबे समय से अटकी सेनाओं में भर्ती रैलियों को आयोजित कराया जाना चाहिए.

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