देहरादून न्यूज़: पिथौरागढ़ के मडधुरा में नन्ही परी इंजीनियरिंग कॉलेज की बिल्डिंग पर 14 करोड़ खर्च करने के बाद तकनीकी शिक्षा विभाग ने इस जगह को खतरनाक करार देते हुए यहां कॉलेज संचालन से हाथ खड़े कर दिए हैं. अब जिला मुख्यालय स्थित इंटर कॉलेज परिसर में ही नया बीटेक कॉलेज बनाए जाने की तैयारी है. कांग्रेस सरकार ने 2015 में पिथौरागढ़ जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज स्वीकृत करते हुए, तात्कालिक रूप से इंटर कॉलेज परिसर स्थित केएन उप्रेती पॉलिटेक्निक में इसका संचालन शुरू किया. साथ ही इसके लिए जिलामुख्यालय से 10 किमी दूर मडधुरा में दो सौ नाली जमीन चिन्हित करते हुए, निर्माण शुरू किया. तत्कालीन समय में निर्माण एजेंसी यूपी निर्माण निगम ने आनन - फानन में यहां बिल्डिंग कार्य शुरू करते हुए 12 करोड़ रुपये खर्च कर डाले. अब तक बिल्डिंग सहित अन्य सुविधाओं के विकास और इंजीनयरिंग लैब के उपकरण पर कुल 14 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं. लेकिन इस बीच पता चला कि उक्त बिल्डिंग भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में बना दी गई है, ना ही वहां जाने के लिए समुचित एप्रोच रोड बनाई गई. सूत्रों के अनुसार जगह चिन्हित करने से पहले इसका भूगर्व अध्ययन तक नहीं किया गया, इस कारण यह नौबत आई है.
एनडीआरएफ को देने की तैयारी भूस्खलन क्षेत्र होने के कारण अब तकनीकी शिक्षा विभाग यहां कॉलेज संचालन को तैयार नहीं है. विभाग का कहना है कि यहां जगह के ट्रीटमेंट और अन्य सुविधाओं के विकास पर करीब 22 करोड़ का और खर्च आएगा, फिर भी जगह सुरक्षित नहीं है. इस कारण इस
भवन को एनडीआरएफ को दिए जाने का निर्णय लिया गया है.
दो बार डीएम की रिपोर्ट के बाद अब कुमाऊं कमिश्नर ने भी स्थलीय जांच के बाद इस जगह को खतरनाक घोषित कर दिया है. इस कारण उच्च स्तरीय बैठक में इस भवन को आपदा प्रबंधन विभाग को देने का निर्णय लिया गया है. कॉलेज के लिए अब इंटर कॉलेज परिसर में ही शिक्षा विभाग से जमीन मांगी गई है. -रविनाथ रमन, सचिव तकनीकी शिक्षा