मोहसनपुर के निकट हुई बाइकों की भिड़ंत में युवक की हुई मौत
पुलिस ने मृतक का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया
इलाहाबाद: अतरौली क्षेत्र के अंतर्गत कोतवाली के गांव मोहसनपुर के निकट हुई बाइकों की भिड़ंत में युवक की मौत हो गई. इस हादसे में युवक गंभीर रूप से घायल हो गए. पुलिस ने मृतक का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया. युवक की मौत की खबर सुनकर परिजनों में कोहराम मच गया.
जानकारी के अनुसार थाना पालीमुकीमपुर के गांव गिजरौली निवासी विकास कुमार 21 वर्ष पुत्र अतवीर सिंह मजदूरी करते थे. गांव के कुमरपाल मथुरा में पढ़ते हैं. कुमरपाल मथुरा से अतरौली पहुंच गए और गांव जाने के लिए विकास को बाइक लेकर अतरौली बुला लिया. नों लोग बाइक से गांव गिजरौली जा रहे थे जैसे ही नों बाइक सवार गांव मोहसनपुर के निकट पहुंचे तभी सामने से आ रहे बाइक सवार से उनकी बाइक टकरा गई. इस घटना में बाइक सवार विकास की मौके पर ही मौत हो गई जबकि कुमरपाल व दूसरी बाइक पर सवार युवक गंभीर रूप से घायल हो गया. घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने नों घायल बाइक सवारों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. विकास की मौत पर परिवार में कोहराम मच गया.
एएमयू में सर सैयद की प्रासंगिकता पर गोष्ठी का आयोजन: फारसी विभाग द्वारा समकालीन समय में सर सैयद की प्रासंगिकता विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया. सर सैयद अकादमी, एएमयू के निदेशक, प्रो. शा़फे किदवई (जनसंचार विभाग) ने सर सैयद की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए कहा कि सर सैयद के विचार आज भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने उनके समय में थे.
प्रो. किदवई ने कहा कि सर सैयद ने कभी भी महिला शिक्षा के खिलाफ नहीं लिखा. बल्कि वह शिक्षित महिलाओं से बहुत प्रभावित थे और ऐसी महिलाओं को हमेशा उच्च सम्मान में रखते थे जिनसे उनकी इंग्लैंड यात्रा के दौरान मुलाकात हुई थी. उस समय की सामाजिक रूढ़ियों के कारण सर सैयद ने मुख्य रूप से पुरुषों की शिक्षा पर ही ध्यान केंद्रित किया. उनका मानना था कि उस समय भारतीय समाज इसके लिए तैयार नहीं था. अगर हम सर सैयद के शैक्षिक पुनर्जागरण के विचार को आज भी अपनाएं तो यह कई बुराइयों के लिए सबसे अच्छा इलाज होगा, क्योंकि आज भी यह जीवन में सफल होने का मात्र तरीका है.