मार्च के बाद भी श्रमिक का नहीं हो सका पंजीकरण

साइबर हमले से हांफ रही श्रमविभाग की वेबसाइट

Update: 2024-05-14 09:18 GMT

कानपूर: साइबर अपराधियों से जनता ही नहीं बल्कि राज्य सरकार भी परेशान है. बीते फरवरी माह में साइबर हमले के बाद से श्रम विभाग की वेबसाइट ठप पड़ी है. जिसकी वजह से विभागीय कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो गए हैं. पंजीकरण और योजनाओं का संचालन भी अवरुद्ध है.

01 मजदूर दिवस के रूप में पहचाना जाता है. इस दिन मजदूरों की श्रमशक्ति संबंधी चर्चा आम रही. सृजन में इनकी भूमिका पर मंथन होते रहे. इनके जीवनस्तर पर लोगों ने प्रकाश डाला और उसको बेहतर बनाने के लिए सरकारी प्रयासों पर नजर दौड़ाई गई. प्रदेश में राज्य सरकार ने श्रम विभाग के माध्यम से कई योजनाएं संचालित कर रखी हैं. जिसका लाभ पाने के लिए विभागीय वेबसाइट पर पहले श्रमिकों को पंजीकरण कराना पड़ता है. इसके बाद योजना के लाभ को नियमानुसार आवेदन करना होता है. मांगे गए प्रपत्र लगाने के बाद विभागीय अधिकारी जांच करते हैं और पात्र श्रमिकों को लाभान्वित किया जाता है. श्रमिकों और उनकी योजनाओं से जुड़ा कामकाज श्रम विभाग के पोर्टल से ही संभव है. फरवरी माह में साइबर हमले के बाद से विभागीय वेबसाइट ठप पड़ी है. इस पर न तो श्रमिकों के पंजीयन हो रहे हैं और ना ही श्रमिक योजनाओं के लिए आवेदन कर पा रहे हैं. इस कारण फरवरी से अब तक भी श्रमिक को योजना का लाभ नहीं मिल सका. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक वेबसाइट के बगैर योजनाओं का लाभ दिया जाना संभव नहीं है. वेबसाइट के दुरुस्त होने तक सभी को इंतजार करना होगा. बताया कि साइबर हमले के बाद से इसके सेफ्टी फीचरों को अपडेट किया जा रहा है.

वित्तीय वर्ष 2023-24 के जिले के लाभार्थी: मेहनतकश मजदूरों के लिए श्रम विभाग से संचालित योजनाओं का लाभ विभिन्न श्रमिकों को दिया जा रहा है. वित्तीय वर्ष 2023-24 के तहत अब तक जनपद में शिशु मातृत्व बालिका मदद योजना से 2,110 लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया. इसमें प्रति लाभार्थी 25,000 रुपये की दर से भुगतान किया गया. अंतेष्टि के लिए लाभार्थियों को 25,000 रुपये प्रति की दर से राशि दी गयी. 55,000 रुपये प्रति कन्या के हिसाब से 340 श्रमिकों की बेटियों के विवाह में आर्थिक मदद की जा चुकी है. संत रविदास शिक्षा सहायता योजना में 150 छात्र-छात्राओं को नियमानुसार राशि दी जा रही है.

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