गाजियाबाद: राजनगर एक्सटेंशन ऑफिसर सिटी 2 में एक महिला अपनी बेटी और बहन के साथ 20 मिनट तक लिफ्ट में फंसी रही. बाद में लिफ्टमैन के द्वारा लिफ्ट खोलने के बाद वह बाहर निकल पाईं.
ऑफिसर सिटी 2 निवासी विदुषी तिवारी एनजीओ चलाती हैं. शाम को वह 11 साल की बेटी और बहन के साथ लिफ्ट से ग्यारहवीं फ्लोर पर जा रही थीं. इस दौरान उनके साथ एक और परिवार था, जो तीसरी फ्लोर पर उतर गया. लिफ्ट पांचवें फ्लोर पर खराब हो गई. इसके बाद वह ग्राउंड फ्लोर पर आ गई. इस दौरान लिफ्ट का गेट भी नहीं खुल रहा था. उन्होंने बताया कुछ समय बाद सोसाइटी के कुछ लोग लिफ्ट से जाने के लिए आ गए, तो उन्हें पता चला कि लिफ्ट में कोई फंसा हुआ है. उन लोगों ने गार्ड को इसकी जानकारी दी. लिफ्ट के अंदर तीनों लोगों का दम घुटने लगा था. करीब 20 मिनट बाद लिफ्टमैन आया. उसने जैक की मदद से लिफ्ट का दरवाजा खोला. तब जाकर तीनों लोग निकल सके.
अलार्म बजाया लेकिन जवाब नहीं मिला विदुषी तिवारी ने बताया कि कई बार लिफ्ट में लगे अलार्म को बजाया. इसके बावजूद कोई कर्मचारी नहीं आया. उन्होंने आरोप लगाया कि रखरखाव टीम के लापरवाह रवैये के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा.
सरेंडर करने आए दो आरोपी फरार
पुलिस को गुमराह कर न्यायालय परिसर से दो आरोपी भाग गए. इनके खिलाफ हेड कांस्टेबल ने कविनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है.
हेड कांस्टेबल अजीत सिंह ने बताया कि वह न्यायालय एसीजे-तीन में कोर्ट मोहर्रिर हैं. न्यायालय एसीजेएम-तीन में दो आरोपी विशाल और सुभाष कसाना ने आत्मसमर्पण किया. न्यायालय ने दोनों के जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिए. अभियुक्तों के साथ आए लोगों ने उन्हें गुमराह करते हुए कहा कि दोनों की जमानत हो गई है. फिर अजीत सिंह न्यायिक कार्य से न्यायालय से चेंबर गए और कुछ देर बाद वापस आए तो वह दोनों अभियुक्तों और अन्य चार लोग वहां से फरार हो गए थे. तलाश करने पर भी वह नहीं मिले.