Kanpur: सीएमओ ने टीबीमुक्त करने के लिए मांगा सबका सहयोग

"इस संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में एक बैठक आयोजित हुई"

Update: 2025-01-16 05:34 GMT

कानपूर: वर्ष 2025 तक टीबीमुक्त भारत बनाने संबंधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जनजागरुकता को निजी चिकित्सकों और नर्सिंग होम संचालकों का सहयोग मांगा है. इस संबंध में मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में एक बैठक आयोजित हुई. जिसमें विस्तृत चर्चा की गयी.

सीएमओ कार्यालय में सौ दिवसीय सघन टीबी अभियान के अन्तर्गत टीबीमुक्त भारत बनाने के लिए प्राइवेट हास्पिटल संचालकों, चिकित्सकों के साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कक्ष में बैठक की गयी. जिसमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. इम्तियाज अहमद ने बताया कि जिले में 24 मार्च 2025 तक सौ दिनों का सघन क्षय रोगी खोजी अभियान चलाया जायेगा. इसमें स्वास्थ्य विभाग कई अन्य विभागों के साथ मिलकर काम करेगा. अभियान में हाई रिस्क क्षय रोगियों को खोजकर उनका इलाज किया जायेगा. अन्य विभागों के सहयोग से अधिक से अधिक लोंगों को जागरुक किया जायेगा. जिला क्षय रोग अधिकारी डा. रामनरेश सोनी ने बताया कि टीबी एक जीवाणुजनित रोग है, जो कि माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबर क्लोसिस के कारण होता है. यह बीमारी आमतौर पर फेफड़ों सहित शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकती है. यदि किसी व्यक्ति को 14 दिन से अधिक खांसी व बुखार आए, वजन घटे, खांसी से खून आए, गले में गांठे हों तो यह लक्षण टीबी के हो सकते हैं. ऐसे में निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर चिकित्सकीय सलाह अवश्य लेनी चाहिये. परामर्शी चिकित्सक डा. जेएस बक्सी ने बताया कि लोग सक्रिय भागीदारी करके इस अभियान को सफल बनायें, जिससे अन्तर्राष्ट्रीय टीबी दिवस तक जनपद को टीबीमुक्त बनाया जा सके. डा. सौरभ सक्सेना ने बताया कि क्षय रोग से ग्रसित मरीजों को समय पर इलाज उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है. सीएमओ डा. इम्तियाज अहमद, परामर्शी चिकित्सक डा. जेएस बक्शी, पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट डा. सौरभ सक्सेना, डीपीसी शिवराम, सीएमओ कार्यालय एवं जिला क्षय रोग नियन्त्रण केन्द्र से आये.

चेस्ट एक्स-रे और बलगम की जांच कराएं: बैठक के दौरान सीएमओ ने निजी चिकित्सकों से कहा कि वह सभी लोग खांसी वाले सभी मरीजों का चेस्ट एक्सरे और बलगम की जांच आवश्यक रूप से करवाकर उनकी रिपोर्ट से विभाग को अवगत कराएं. सभी निजी चिकित्सक एक-एक टीबी मरीज को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत योजना के तहत गोद लेवें. सौ दिवसीय सघन अभियान में सहयोग करें. चेस्ट में अगर बलगम है, तो बिना लापरवाही के जांच जरूर कराएं.

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