Aligarh: बिना जीएसटीएन के करोड़ों का कारोबार करने पर एसआईबी ने की छापेमारी
एसआईबी ने लाखों का माल किया सीज
अलीगढ़: राज्यकर विभाग एसआईबी की टीम ने एटा के डुमरी बाजार में एक सराफा कारोबारी के यहां छापेमारी की. छापेमारी में सराफा कारोबारी का जीएसटी में पंजीयन नहीं मिला. एसआईबी ने मौके से 99.36 लाख रुपये का माल सीज किया. ज्वैलर द्वारा ग्राहकों दिए गए बिल पर तीन फीसदी जीएसटी वसूल की है, लेकिन सरकारी खजाने में जमा नहीं किया है.
राज्यकर विभाग एसआईबी के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड दो डा. एसएस तिवारी के निर्देश पर एसी एसआईबी रेंज ए डा. अभिषेक सिंह ने सीटीओ एमपी सिंह व एटा की टीम के साथ गुप्ता ज्वैलरी डुमरी बाजार अलीगंज रोड एटा पर छापेमारी की. यहां पर सराफा कारोबारी जीएसटी में पंजीकृत नहीं मिला. 40 लाख रुपये से अधिक के टर्न ओवर पर जीएसटी अनिवार्य है. लेकिन कारोबारी ने जीएसटी में पंजीयन नहीं लिया था. मामले की जीएसटी विभाग में शिकायत हुई थी. इसके बाद इसकी रेकी कराई गई. रेकी में कारोबार जांच योग्य मिला. पिछले कई सालों में सोने व चांदी की बिक्री पर फर्म की ओर से ग्राहकों को बिल दिया गया, लेकिन उस पर मिलने वाली जीएसटी सरकारी खजाने में जमा नहीं की गई. जेसी एसआईबी रीनू कुमारी के निर्देशन में जांच कराई गई. जांच के दौरान 99.36 लाख की ज्वैलरी बरामद की गई. ज्वैलरी को सीज कर दिया गया है. स्टॉक रजिस्टर, बिक्री रजिस्टर, लूज पर्चे, पर्चियां जब्त की गई हैं. पिछले तीन चार सालों के कारोबार का रिकार्ड खंगाला जा रहा है. एसी एसआईबी डा. अभिषेक सिंह ने बताया कि तीन फीसदी टैक्स व तीन फीसदी जुर्माना ज्वैलर को जमा करना होगा. छह लाख रुपये टैक्स तत्काल जमा कराने होंगे. टर्न ओवर जीएसटी की सीमा से अधिक होने के बाद भी पंजीयन नहीं लेने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. ज्वैलर को नोटिस जारी कर दिया गया है.
लोहे की फर्मों पर कैमरे स्थापित किए जाएंगे: टैक्सी चोरी रोकने के लिए मंडलभर में लोहे की फर्मों के मुख्य गेट के सामने राज्यकर विभाग कैमरे स्थापित करा रहा है. अलीगढ़ में छह स्टील इकाइयां चिन्हित की गई हैं. अभी तक सीटीओ को जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन राज्यकर विभाग में मानव बल की कमी के कारण अब कैमरे लगाने की तैयारी है. राज्यकर विभाग एसआईबी के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड दो डा. एसएस तिवारी ने बताया कि अलीगढ़, एटा, कासगंज, मथुरा व हाथरस में संचालित होने वाली स्टील इकाइयों पर कैमरे लगाए जा रहे हैं.