मुहर्रम से पहले राजा उदय प्रताप सिंह को क्यों किया जाता है हाउस अरेस्ट
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प्रतापगढ़। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में हर बार की तरह इस बार भी मुहर्रम के नजदीक आते ही राजा उदय प्रताप सिंह को पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर लिया है। 7 अगस्त तक राजा हाउस अरेस्ट रहेंगे। इस बार भी मुहर्रम से कुछ दिन पहले गांव में फोर्स तैनात कर दी गई है। हर साल पुलिस की कड़ी निगरानी में मुहर्रम को संपन्न कराया जाता है। वहीं, हमेशा की तरह इस बार भी जिला प्रशासन ने राजा उदय प्रताप सिंह को भंडारा करने की अनुमति नहीं दी।
जानकारी के मुताबिक हमेशा की तरह शेखपुर गांव में इस बार भी मुहर्रम के नजदीक आते ही चिंता बढ़ गई है। इस बार भी राजा उदय प्रताप सिंह को पुलिस ने गुरुवार को भदरी महल में हाउस अरेस्ट कर लिया है। दरअसल, 2012 में कुंडा के शेखपुर गांव में सड़क के किनारे एक बंदर की मौत हो गई थी, जिसके बाद वहां ग्रामीणों ने एक हनुमान मंदिर का निर्माण कर दिया था। इसके बाद वहां हनुमान पाठ और भंडारे का आयोजन किया जाने लगा। भंडारे का आयोजन राजा उदय प्रताप सिंह ही करते थे। खास बात यह है कि यह भंडारा मुहर्रम के दिन ही होता है।
साल 2013 और 2014 में 2 साल भंडारा और मोहर्रम का जुलूस साथ निकला, लेकिन तीसरे साल 2015 में मोहर्रम के दिन मुस्लिम समुदाय ने हनुमान मंदिर पर भंडारे और झंडे का जमकर विरोध किया। यहां तक कि उन्होंने अपनी ताजिया नहीं उठाई। इसके बाद विरोध प्रदर्शन का मामला पुलिस तक पहुंच गया। वहीं, मुहर्रम के दसवीं के अगले दिन तत्कालीन डीएम-एसपी ने मामले को शांत कराते हुए ताजिया को दफन कराया।
वहीं अगले साल 2016 में शेखपुर में तनाव की स्थिति हो गई, क्योंकि जिला प्रशासन ने राजा उदय प्रताप सिंह को भंडारा करने की अनुमति नहीं दी। भंडारे को लेकर यह मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया, लेकिन कोर्ट ने डीएम को अपने विवेक से निर्णय के लिए निर्देशित किया। अब तक इस मामले का निपटारा नहीं हो पाया है। इसके बाद से पुलिस हर साल मुहर्रम से कुछ दिन पहले राजा उदय प्रताप सिंह को हाउस अरेस्ट कर लेती है। पुलिस निगरानी में ही मुहर्रम को संपन्न कराया जाता है।