ट्रक ड्राइवर ने दी गाली तो खलासी ने उतारा मौत के घाट, हत्या के बाद मोबाइल और पैसा लेकर फरार
चोलापुर थाना क्षेत्र के कपिसा बाइपास (वाराणसी-आजमगढ़ फोरलेन) के पास शनिवार रात ट्रक चालक पीडीडीयूनगर (चंदौली) के चैनपुरा निवासी 50 वर्षीय सेवालाल की गला रेतकर हत्या कर दी गई
वाराणसी। चोलापुर थाना क्षेत्र के कपिसा बाइपास (वाराणसी-आजमगढ़ फोरलेन) के पास शनिवार रात ट्रक चालक पीडीडीयूनगर (चंदौली) के चैनपुरा निवासी 50 वर्षीय सेवालाल की गला रेतकर हत्या कर दी गई। हत्या के बाद राड से वार कर चेहरा कूंचने का प्रयास किया गया था। खास यह कि ट्रक का खलासी झारखंड के नगर जिले के पसंदपुर निवासी कमल मौके पर नहीं था। इस हत्याकांड में खुलासा हुआ कि खलासी ने ही चालक की हत्या की थी। बताया जा रहा है कि खलासी गाली देने से नाराज था। पुलिस ने खलासी को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में पता चला कि घटना से एक दिन पहले ट्रक में रस्सी बांधने को लेकर चालक ने खलासी को गाली दी थी। इससे नाराज खलासी ने चाकू से उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद वो मोबाइल और पैसा लेकर फरार हो गया था।
-चोलापुर में रविवार को ट्रक चालक की लाश मिली थी। रविवार सुबह ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लिया। ट्रक स्वामी वाराणसी के बड़ी पियरी निवासी मनोज यादव की तहरीर पर अज्ञात पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि चालक के पास के एक लाख रुपये भी नहीं मिले थे। यही खलासी लेकर फरार हो गया था। दानगंज बाजार से ट्रक में सरकारी चावल लोड करने के बाद शनिवार की शाम कपिसा बाइपास पर ट्रक खड़ा कर ड्राइवर और खलासी आराम कर रहे थे। आसपास के लोगों ने बताया था कि किसी बात पर दोनों में विवाद हो गया और हाथापाई होने लगी। किसी तरह दोनों शांत हुए। पास ही एक दुकान पर दोनों दूर-दूर बैठे थे। चाय पीकर आपस में बात की।
देर शाम पास की दुकान से सब्जी खरीदी और खाना खाकर दोनों सो गये। रविवार सुबह आसपास के लोग गुजरे तो ट्रक के केबिन से खून रिसता देख पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने जब केबिन का दरवाजा खोला तो खून से लथपथ चालक का शव मिला। खलासी कमल फरार था। ट्रक के पंजीकरण नंबर के आधार पर पुलिस ने उसके मालिक का पता लगाया और सूचना दी।
पैसे के विवाद और लूट के बीच उलझी गुत्थी
घटना के पीछे पुलिस रुपये के विवाद को आधार मानकर छानबीन कर रही थी। ट्रक स्वामी के अनुसार चालक के पास एक लाख रुपये भी थे जो गायब थे। ऐसे में लूट की आशंका भी थी। हालांकि खलासी ना मिलने के कारण शक उसी पर था और उसे खोजा जा रहा था।