बूढ़ी गंगा में दिखा जलीय जैव विविधता का नजारा

Update: 2023-10-03 16:00 GMT
मेरठ। महाभारतकालीन हस्तिनापुर में द्रौपदी घाट मन्दिर के निकट बूढ़ी गंगा में सोमवार को जलीय जैव विविधता का सुंदरतम नजारा दिखा, जिसे देख पर्यटक भी फिदा हो गए। यह नजारा एक अर्से बाद देखने को मिला है। दरअसल, पहले तो यहां अतिक्रमण के चलते बूढ़ी गंगा ही विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई थी। बाद में नेचुरल साइंसेज ट्रस्ट के विशेष प्रयासों के चलते बूढ़ी गंगा का अस्तित्व वापस लौटा और न सिर्फ असिस्तत्व वापस लौटा बल्कि अब उसमें जलीय जैव विविधता के तहत कई प्रकार की रंगीन मछलियां भी अठखेलियां कर रही हैं।
सोमवार को जब पर्यटक वहां पहुंचे तो यहां का नजारा देखकर मंत्रमुग्ध हो गए। पर्यटकों ने मछलियों को दाना डालकर तथा उन्हे जिमाकर धार्मिक श्रद्धा भी दिखाई। उल्लेखनीय है कि बूढ़ी गंगा पर एक ओर जहां विदेशी पक्षियों का डेरा रहता है अब वहीं दूसरी तरफ बूढ़ी गंगा में विभिन्न प्रकार तथा कई रंगों की रंगीन मछलियां भी धार्मिक पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र साबित हो रही हैं। इसी वर्ष एसडीएम मवाना अखिलेश यादव व नेचुरल साइंसेज ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रो. प्रियंक भारती ने पूजा अर्चना के साथ बूढ़ी गंगा के जीर्णोद्धार का काम शुरु करवाया था। इसके बाद छह फरवरी को हस्तिनापुर दिवस के अवसर पर बूढ़ी गंगा की आरती शुरू करा दी गई। गत जुलाई में कर्ण मन्दिर से बूढ़ी गंगा तक मां गंगा यात्रा भी शुरू हो चुकी है। सोमवार को बूढ़ी गांगा में अठखेलियां करती मछलियों के चित्र जारी करते समय द्रौपदी मन्दिर की महंत बेगवती, प्रो. प्रियंक भारती चिकारा, विशाल गिरी व अरविंद गिरी आदि मौजूद रहे।
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