UTTARPRADESH : घर में ही 8वीं के छात्र ने लगा ली फांसी

Update: 2024-07-12 07:05 GMT
LUCKNOW : मुझे यहां नहीं रहना है न पढ़ना है... अपनी कॉपी COPY में यह सुसाइड नोट SUICIDE NOTE लिखकर कक्षा आठ के छात्र ने बुधवार शाम घर में ही रोशनदान के सहारे गमछे से फांसी लगी ली। एक दिन पहले ही वह बाराबंकी स्थित नानी के यहां से आया था। अक्सर वह अपने मम्मी- पापा से कहता था कि मुझे नानी के पास रहना है।
मलूरूप से बाराबंकी रामसनेही घाट चौरी अगदासपुर निवासी रामतेज खरगापुर में किराये पर रहकर कारपेंटर CARPENTER का काम करता था। कुछ समय से पत्नी सुनीता से अनबन चह रही है। कुछ दूरी पर वह अपनी सहेली के साथ रह रही थी। बेटा ऋषभ (15) खरगापुर स्थित वरदान इंस्टीट्यूट में कक्षा आठ का छात्र था। कुछ दिन से वह अपने पिता के साथ रह रहा था। सुनीता नबताया की मंगलवार को बेटा ऋषभ ननिहाल से आया था। बुधवार सुबह रामतेज काम पर चले गए थे। शाम को मां सहेली के घर से बेटे के लिए किताबें लाने बाजार गई थी। शाम करीब पांच बजे वह ऋषभ के पास पहुंची तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। कई आवाज SOUND देने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला। शोर सुनकर पड़ोस के लोग भी आए गए। कुछ देर में रामतेज भी आ गए। आनन- फानन में वह दरवाजा तोड़कर भीतर गए तो ऋषभ दरवाजे में लगे रोशनदान से गमछे के फंदे के सहारे लटका हुआ था। इकलौते बच्चे की मौत DEATH से परिवार का रो- रोकर बुरा हाल हो गया है।
इंस्पेक्टर INSPECTOR गोमतीनगर विस्तार सुधीर अवस्थी के मुताबिक शव को पोस्टमार्टम  POSTMARTUM के लिए भेज दिया गया है। ऋषभ के पास से एक सुसाइड नोट मिला है। जिसमें मुझे यहां नहीं रहना है और न ही पढ़ना है लिखा है। सुसाइड नोट जांच के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पढ़ाई के लिए लखनऊ लेकर आए थे
रामतेज ने बताया कि बचपन से ऋषभ अपनी नानी के घर रह रहा था। दो साल पहले बेटे के अच्छे भविष्य के लिए वह लखनऊ लाए थे। पर उसका यहां मन नहीं लगता था। अक्सर वह नानी के घर जाने की जिद करने लगता था। एक दिन पहले ही उसे नानी के घर से लाए थे। उन्हें पता तो था कि बेटे का मन यहां नहीं लग रहा है। पर यह कभी नहीं सोचा था कि ऋथभ इतना बड़ा कदम उठा लेगा।
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