अगले पांच वर्ष में एक ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनेगा उत्तर प्रदेश : मुख्यमंत्री
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को यहां एक उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि अगले पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का राज्य बन जाएगा। उप्र को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य के साथ मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लिए ‘यूपी फ़ॉर यूपी, यूपी फ़ॉर इंडिया, यूपी फ़ॉर वर्ल्ड’ की संकल्पना की है।
मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में योगी ने कहा कि अब समय उत्तर प्रदेश का है। अपने पोटेंशियल का पूरा लाभ उठाते हुए उप्र देश के बहुआयामी विकास का सबसे महत्वपूर्ण आधार बनेगा। प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप उप्र को वन ट्रिलियन डॉलर अर्थ व्यवस्था बनाना हमारा मिशन है। अधिकारी इसके लिए कोर सेक्टर्स पर फोकस करें। इनमें कृषि, धार्मिक पर्यटन, विनिर्माण और आईटी एंड आईटीईएस हमारे कोर सेक्टर्स हैं। इसके अलावा एनर्जी, हेल्थ, शहरी विकास, शिक्षा, फूड प्रसेसिंग, एमएसएमई आदि सेक्टर्स पर भी हमें विशेष फोकस करने की आवश्यकता है।
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश के बड़े महानगरों को अलग-अलग सेक्टर्स के हब के रूप में डेवलप करने की योजना है। इसी क्रम में लखनऊ को देश का पहला एआई सिटी बनाने की तैयारी है। साथ ही प्रदेश को ग्रीन एनर्जी का हब बनाने को लेकर भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए तेजी से आगे बढ़ना होगा। व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए ज्यादा से ज्यादा टेक्नोलॉजी का उपयोग करना होगा। किसी भी प्रकार की पेंडेंसी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उप्र के पास एमएसएमई का 96 लाख यूनिट्स का बेस है। वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए इसे लेकर बड़े स्तर पर योजना बनाने की आवश्यकता है।
हर प्रकार के निर्माण कार्य का कराएं रजिस्ट्रेशन
इस दौरान निर्माण सेक्टर की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 54 लाख आवास गरीबों के लिए निर्माण कराए गए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जन्म मृत्यु रजिस्ट्रेशन की तर्ज पर हर प्रकार के निर्माण कार्यों का रजिस्ट्रेशन जरूर कराएं। इसके लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग करें। शहर और गांवों में होने वाले हर निर्माण कार्य का डेटा हमारे पास होना चाहिए। इस व्यवस्था के साथ पंजीकृत होने वाले निर्माण कार्यों की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त करें। रजिस्टर्ड निर्माण कार्यों के दौरान या बाद में अगर कोई दुर्घटना होती है तो उसके लिए बीमा की व्यवस्था करें। इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रत्येक निर्माण का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप यूपी पहला ऐसा राज्य है जहां जिलों की जीडीपी को जारी करने का कार्य हुआ। कोविड काल में यह काम जरूर रुका, जिसे पुनः शुरू कराया जाए। पूरे जिले के विभिन्न संसाधनों से होने वाले आय-व्यय के डेटा के साथ जिलों के जीडीपी को प्रकाशित कराएं। यह डेटा विभिन्न विश्वविद्यालय को भी स्टडी के लिए भेजा जाए।
मुख्यमंत्री ने बताया कि तमाम कानूनी बंदिशों को हटाकर ओडीओपी को सशक्त किया गया है। जो काम आजादी के बाद होना चाहिए वो काम 2017 के बाद शुरू हुआ। आज प्रदेश में पर्यटन उद्योग से लाखों लोग जुड़े हुए हैं। इस सेक्टर में 24 प्रतिशत से ज्यादा का ग्रोथ हुआ है। प्रदेश का कोई ऐसा पर्यटन स्थल नहीं है, जहां एक भी होटल, गेस्ट हाउस खाली हो। प्रदेश में आने वाले पर्यटकों का सटीक आंकलन करें इसके लिए पूरे मैकेनिज्म को तैयार करें। जरूरत हो तो एआई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें।
ट्रेड शो का बड़े स्तर पर हो आयोजन
सितंबर में ग्रेटर नोएडा में आयोजित होने जा रहे यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो को लेकर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तर्ज पर ही ट्रेड शो का आयोजन बड़े स्तर पर होना चाहिए। इसमें सम्मिलित होने वाले बायर्स और ट्रेडर्स को किसी भी प्रकार की दिक्कत नजे हो इसके लिए तैयारियों को मुकम्मल कर लें। मुख्यमंत्री ने कहा कि उप्र पूरे देश को सबसे अधिक शिक्षक प्रदान करने वाला राज्य है। विद्यालय खोलना हमारे यहां पवित्र कार्य माना जाता रहा है। महामना मदन मोहन मालवीय, बाबा राघवदास, महंत दिग्विजयनाथ जैसे महापुरुषों ने शिक्षा को पवित्र कार्य मानते हुए बड़े-बड़े शिक्षण संस्थानों का निर्माण कराया। प्रदेश को शिक्षा के हब के रूप में स्थापित करना होगा।