उत्तर-प्रदेश: अमरनाथ यात्रा में बिधनू के भी श्रद्धालु फंसे, बोले-एक बार तो लगा कि अब घर वापसी मुश्किल होगी
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हमसे काफी दूरी पर धमाके के साथ बादल फटने की घटना हुई। धमका इतनी तेज था कि सभी भीतर तक दहल गए। कुछ देर बाद मंजर इतना भयावह था कि एक बार तो लगा अब घर वापसी मुश्किल है। इसके बाद भी हम भगवान से सभी की सलामती की दुआ करते लगातार करते रहे। यह कहना है अमरनाथ यात्रा में फंसे हुए बिधनू से गए यात्रियों का।
यात्रा पर गए बिधनू के मझावन गांव के 18 यात्री गए हुए हैं। सभी यात्री एक जुलाई को रिजर्वेशन कराकर अमरनाथ यात्रा के लिए निकले थे। शनिवार को उनमें से कइयों की अपने परिजनों ने फोन पर बात हुई। परिजनों से बात करते यात्रा में फंसे यात्री फफक पड़े। उन्होंने परिजनों को स्थिति सुधरने का ढांढस बंधाया। बताया कि जवानों की ओर से लगातार यात्रा के मार्ग को सुलभ बनाने का काम किया जा रहा है। सभी को जल्द घर वापसी की उम्मीद है। शाम को उन लोगों से फिर से संपर्क टूट गया और किसी का भी फोन नहीं मिला।
ये लोग फंसे है
अमन गुप्ता, शिवम गुप्ता, अंशु ओंकार, करुण, सागर, दिलीप, विनोद, अमन, रूपा गुप्ता, राम बिहारी, मचनू कुरील, सुनील सविता, बलबीर यादव, नितिन सोनकर, मोनू गुप्ता, सोनू पासवान, रामबिहारी, विवेक गुप्ता।
लापता तीनों यात्री सुरक्षित मिले
विद्यार्थी मार्केट व्यापार मंडल गोविंद नगर अध्यक्ष सचिन दुआ ने बताया कि उनकी दुकान में काम करने वाले तीन कर्मचारी नीरज, अंशु और अमन के साथ 6 अन्य लोग अमरनाथ यात्रा पर गए थे। तीन को पंजीकरण न होने की वजह से नीचे रोक लिया गया था, जबकि तीन दर्शन और भंडारे की सेवा के लिए गए थे। अमरनाथ गुफा से 400 मीटर की दूरी पर बादल फटने की घटना के समय वहीं मौजूद थे। नीरज, अंशु, अमन के अलावा करन भी सुरक्षित है।