UPPSC : छात्रा ने लगाया कॉपी में हेरफेर का आरोप

Update: 2024-07-04 04:30 GMT
UPPSC : यूपीपीएससी पीसीएस जे मुख्य परीक्षा-2022 में कॉपी बदलने के मामले के बीच मथुरा की संगीता चौधरी ने भी आरोप लगाया है कि उसे अंग्रेजी विषय में कम अंक मिले हैं। एक चैनल पर इंटरव्यू देते हुए संगीता ने बताया कि पीसीएस जे मुख्य परीक्षा में उसे अंग्रेजी विषय में कम अंक मिले हैं। अगर अंग्रेजी में मेरे अंक उम्मीद के मुताबिक होते तो मेरा चयन हो जाता। उसने कहा कि अगर चयन नहीं होता तो परिवार के सपने टूट जाते। उसने यह भी आशंका जताई कि हमारी कॉपी के साथ भी छेड़छाड़ की गई है। संगीता ने यह भी कहा कि वह 2018 से तैयारी कर रही है।
पीसीएस जे हाईकोर्ट ने आयोग के अभ्यर्थियों का मांगा ब्योरा- PCS J High Court seeks details of commission candidates
प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोक सेवा आयोग यूपी पीसीएस जे 2022 लिखित परीक्षा परिणाम की समीक्षा के बाद प्रभावित अभ्यर्थियों का पूरा ब्योरा तलब किया है। कोर्ट ने आयोग के अध्यक्ष को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर स्पष्ट बताने को कहा है कि उत्तर पुस्तिकाओं में मिली त्रुटियों के सुधार के बाद कितने अंकों में परिवर्तन होगा। साक्षात्कार में बुलाए जाने से अयोग्य घोषित किए गए अभ्यर्थियों का पूर्ण विवरण, समीक्षा के बाद और पूर्व में उनके द्वारा प्राप्त अंकों का विवरण। साथ ही, समीक्षा के बाद साक्षात्कार में बुलाए जाने वाले अभ्यर्थियों के समीक्षा से पहले और बाद में प्राप्त अंकों का विवरण प्रस्तुत करें। इसके अलावा, सभी 6 प्रश्नपत्रों की उत्तर पुस्तिकाओं में मास्टर कोड में परिवर्तन या अन्य कोई त्रुटि पाई गई हो तो उसका पूर्ण विवरण प्रस्तुत करें।
पीसीएस जे अभ्यर्थी श्रवण पांडेय की याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति एसडी सिंह और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता (Justice SD Singh and Justice Anish Kumar Gupta) की खंडपीठ ने सभी अभ्यर्थियों को उत्तर पुस्तिकाएं दिखाने के आयोग के निर्णय पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विभु राय और आयोग के अधिवक्ता निशीथ यादव को सुनने के बाद बिना किसी हस्तक्षेप के यह कार्य निर्धारित समय में पूरा करने का निर्देश दिया है।
इससे पहले, आयोग के उप सचिव सुनील कुमार द्वारा एक जुलाई को कोर्ट में प्रस्तुत हलफनामे और सीलबंद जांच रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से स्वीकार किया गया था कि 50 अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं में अनियमितताएं पाई गई थीं। हलफनामे में कहा गया है कि अंग्रेजी उत्तर पुस्तिकाओं (English answer sheets) के दो पैकेटों पर फर्जी मास्टर कोड का आदान-प्रदान किया गया। इस वजह से एक पैकेज के 25 अभ्यर्थियों की योग्यता दूसरे पैकेज के 25 अभ्यर्थियों से बदल गई। हालांकि, आयोग ने अपने हलफनामे में संभावना जताई है कि मेरिट लिस्ट में बदलाव के कारण कुछ चयनित अभ्यर्थी बाहर हो जाएंगे और उनकी जगह दूसरे अभ्यर्थी आ जाएंगे। नतीजतन, गलती से मेरिट लिस्ट से बाहर रह गए अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा और नई चयन सूची तैयार करनी होगी।
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