यूपी बोर्ड, व्यवसायिक शिक्षा को लेकर कितना गंभीर है, अब भी रील से सिखा रहा फोटोग्राफी
यूपी बोर्ड, व्यवसायिक शिक्षा को लेकर कितना गंभीर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आज जब हर हाथ में 12 से 25 मेगापिक्सल कैमरे वाले स्मार्टफोन हैं तो यूपी बोर्ड रील से फोटोग्राफी सिखा रहा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूपी बोर्ड, व्यवसायिक शिक्षा को लेकर कितना गंभीर है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आज जब हर हाथ में 12 से 25 मेगापिक्सल कैमरे वाले स्मार्टफोन हैं तो यूपी बोर्ड रील से फोटोग्राफी सिखा रहा है। एक ओर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू करने की कवायद चल रही है तो वहीं दूसरी ओर दशकों पहले अप्रासंगिक हो चुके विषय सौ साल पुराने यूपी बोर्ड के ट्रेड विषयों में अब भी शामिल हैं।
उदाहरण के तौर पर ट्रेड विषय के रूप में पढ़ाए जाने वाले फोटोग्राफी को ही लें। यह ट्रेड लेने वाले छात्र-छात्राओं को किसी जमाने में रील वाले कैमरों से पढ़ाई कराई जाती थी लेकिन पाठ्यक्रम अपडेट न होने के कारण आज भी रील शामिल है, जबकि हकीकत में रील से फोटो खींचना तो दूर, आज के समय में दुकान पर देखने को नहीं मिलती। पाठ्यक्रम में डार्करूम और रील डेवलप करने के लिए केमिकल का संयोजन जैसे टॉपिक हैं जिन्हें अब पढ़ाया नहीं जाता। फोटोग्राफी पढ़ाने वाले व्यावसायिक शिक्षकों ने कई बार बोर्ड के अधिकारियों को लिखकर पाठ्यक्रम संशोधित करने का अनुरोध किया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
कोर्स में छात्रों की रुचि नहीं
जिले में सेवा समिति विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, डीपी गर्ल्स आदि स्कूलों में कक्षा 11 और 12 में फोटोग्राफी ट्रेड की पढ़ाई होती है लेकिन वर्तमान समय में औचित्यहीन हो चले पाठ्यक्रम के कारण बच्चे इसे लेने में रुचि नहीं लेते।
फोटोग्राफी समेत अन्य ट्रेड विषयों को अपडेट करने की आवश्यकता है। बदलते समय में इन पाठ्यक्रमों का अधिकतम भाग बेकार हो चुका है। उसे बदलकर आज की आवश्यकता के अनुसार रखा जाए।
शिवानी यादव, प्रदेश उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश माध्यमिक व्यवसायिक शिक्षक संघ
फोटोग्राफी ट्रेड शामिल करने के तर्क
- ऐसा विषय जिसकी कोई भाषा नहीं
-जनसंचार का सबसे प्रखर माध्यम
-स्वरोजगार के लिए सबसे सरल, महत्वपूर्ण उपकरण
-छाया चित्रकार के रूप में कॅरियर आदि