जीएसटी घोटाले के तीन आरोपी भगोड़े घोषित

पुलिस ने घर के बाहर नोटिस चस्पा कर मुनादी कराई

Update: 2023-09-12 06:20 GMT

नोएडा: पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर 2660 फर्जी फर्म तैयार कर सरकार को करीब 15 हजार करोड़ रुपये की जीएसटी का नुकसान पहुंचाने वाले गिरोह के तीन आरोपियों को भगोड़ा घोषित कर दिया. इस मामले में गिरोह के पांच अन्य आरोपियों को पहले ही भगोड़ा घोषित किया जा चुका है.

करीब तीन माह पहले फर्जी फर्म तैयार कर जीएसटी रिफंड के करोड़ों रुपये का घोटाला उजागर हुआ था. पुलिस के अनुसार जिन आरोपियों को भगोड़ा घोषित किया गया है, उनमें वांछित चल रहे हरियाणा के सिरसा निवासी कुनाल मेहता उर्फ गोल्डी, आशीष अलावादी और बलदेव उर्फ बल्ली शामिल हैं. तीनों के मकानों पर इस बारे में नोटिस चस्पा कर दिया गया है. साथ ही, पुलिस ने मुनादी भी कराई कि आरोपियों को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है.

पुलिस लगातार तीनों आरोपियों को खोज रही है, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला. नोएडा पुलिस ने भी तीनों पर इनाम घोषित किया था. इस मामले में अब तक 22 आरोपियों की गिरफ्तारी देश के अलग-अलग हिस्से से हुई है. नोएडा पुलिस नौ आरोपियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर चुकी है. अभी भी 12 आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं.

संपत्ति कुर्क हो चुकी गिरोह में शामिल कई आरोपियों की संपत्ति को कुर्क किया जा चुका है. ज्यादातर आरोपी सीए हैं. इसी तरह का एक गिरोह गुजरात पुलिस ने भी पकड़ा था. हालांकि, नोएडा पुलिस द्वारा दबोचे गए आरोपियों का सीधा संपर्क गुजरात से दबोचे गए गिरोह से नहीं मिला था.

ऐसे किया फर्जीवाड़ा गिरोह का पर्दाफाश करने वाले पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट के रूप में ऐसी व्यवस्था बनाई गई है, जिसमें पहले भुगतान किए गए जीएसटी के बदले में क्रेडिट मिल जाते हैं. ये क्रेडिट फर्म के जीएसटी अकाउंट में दर्ज हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि फर्जी कंपनियों द्वारा वास्तविक माल का आदान-प्रदान नहीं किया जाता है. गिरोह के आरोपियों ने, जो कंपनियां बनाई थीं, वह धरातल पर नहीं थीं, उसका वजूद महज कागजों में ही था. जाली बिल पर करोड़ों रुपये का लेनदेन दिखाया गया. सभी बिल फर्जी होते थे. कंपनियां एक दूसरे से फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट का आदान-प्रदान करती रहीं.

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