प्रतापगढ़ न्यूज़: लखनऊ-वाराणसी हाईवे पर स्थित रानीगंज बाजार को तहसील, विधानसभा क्षेत्र के बाद नगर पंचायत का दर्जा मिलने की उपलब्धियां नई हैं. कभी पट्टी तहसील का हिस्सा रहा यह बाजार बीरापुर विधानसभा क्षेत्र में आता था. नगर पंचायत बनने के बाद 2017 में पहला चुनाव हुआ तो इसमें शामिल गांव के लोगों में तस्वीर बदलने की उम्मीद जगी लेकिन पांच साल बाद भी सब कुछ वैसे ही रहा.
प्रतापगढ़ न्यूज़पट्टी तहसील का हिस्सा होने के दौरान रानीगंज ग्रामीण इलाके का छोटा से बाजार था. 2001 मंल तहसील और 2012 में विधानसभा क्षेत्र का दर्जा मिलने के बाद यह प्रदेश के नक्शे पर पर आ गया. नगर पंचायत बनने के बाद इसमें करीब दो दर्जन गांवों को शामिल करते हुए 15 वार्ड बनाए गए. बाद में सीमा विस्तार हुआ तो पांच और गांवों को शामिल किया गया. इसके बाद वार्ड की संख्या 16 हो गई. गांव के लोगों का कहना है कि नगर पंचायत बनने के बाद भी उनके यहां कोई विशेष सुविधाएं नहीं आईं. लोग अब भी विकास की बाट जोह रहे हैं. किसी वार्ड में नगर निकाय जैसी तस्वीर नहीं बन सकी.
दिलीपपुर रानी ने रखा नाम, अभिलेख में नहीं है दर्ज
रानीगंज के बारे में कहा जाता है कि दिलीपपुर की रानी राजेश्वर सिंह ने किया था. रानीगंज राजस्व अभिलेखों में भी नहीं दर्ज है. बल्कि यह बाजार पूरे गोलिया, बीठलपुर और दरियापुर का हिस्सा हुआ करती थी. बाजार बड़ा होने के कारण थाना यहीं बनाया गया था. इसके बाद इसे तहसील, फिर विधानसभ क्षेत्र और अब नगर पंचायत का दर्जा मिल गया है. एसडीएम सौम्य मिश्र का कहना है कि नामकरण निर्वाचन आयोग करता है. राजस्व अभिलेखों में इसका नाम नहीं है. अब इसमें कई ग्राम पंचायतें शामिल हो गई हैं.
39 मत से मीरादेवी बनीं पहली अध्यक्ष
रानीगंज नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए 2017 में हुए पहले चुनाव में मीरा गुप्ता मात्र 39 मतों से निर्वाचित हुई थीं. मीरा गुप्ता को 1796 वोट मिले. जबकि उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा की आयशाबानों को 1757 वोट मिले थे. सपा प्रत्याशी को तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा था.