Bareilly: बिल भुगतान में अनियमितता की जांच के बाद अब नया मामला सामने आया
एकाउंटेंट पर एनएचएम बिल जांचने से रोक
बरेली: सीएमओ कार्यालय में बिल भुगतान में अनियमितता की जांच के बाद अब नया मामला सामने आ गया है. सीएमओ ने एनएचएच से जुड़े बिलों को जांचने से एकाउंटेंट को रोक दिया है. इसका लिखित पत्र भी जारी कर दिया है. इस पर एकाउंटेंट एसोसिएशन ने आपत्ति जताते हुए इसे शासनादेश की अवहेलना बताया है और पत्र लिखकर इसे हटाने की मांग की है.
सीएमओ आफिस में दिलीप मौर्य एकाउंटेंट हैं. बीते दिनों सीएमओ डा. विश्राम सिंह ने एक पत्र जारी कर दिया है कि एकाउंटेंट एनएचएम को छोड़कर अन्य बिल को ही देखेंगे. एनएचएम के बिल जांचने से उनको रोक दिया है. दिलीप ने यह जानकारी अपने संगठन को दी. संगठन के अध्यक्ष ने इस बाबत एडी हेल्थ और सीएमओ को पत्र भेजा है. उनका कहना है कि एकाउंटेंट को उस विभाग के सभी बिल को जांचने का निर्देश होता है जिससे कोई वित्तीय अनियमितता न होने पाए. एनएचएम के बिल नहीं देखने वाला निर्देश शासन की मंशा के विपरित है.
पत्रावली मिलने पर तेज होगी भुगतान में अनियमितता की जांच: मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में लाखों के बिल का वित्त एवं लेखाधिकारी की अनुमति के बिना ही भुगतान होने की जांच अब पत्रावली पर अटक गई है. सीएमओ कार्यालय से अब तक पत्रावली एडी कार्यालय को नहीं दी गई है. इसके लिए दो दिन का समय मांगा गया है जिसमें एक दिन का समय पूरा हो गया है. सीएमओ कार्यालय में मार्च के आखिरी सप्ताह में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के इस बिल का भुगतान किया गया था. बिल पर वित्त एवं लेखाधिकारी के हस्ताक्षर नहीं होने की शिकायत शासन से की गई है. साथ ही बिल भुगतान की छाया प्रति भी शासन को भेजी गई है. प्रमुख सचिव के निर्देश पर एडी हेल्थ डा. पुष्पा पंत जांच कर रही हैं. सीएमओ कार्यालय से अब तक इससे संबंधित पत्रावली ही नहीं दी गई है.
बिल में कमी होने पर लगाते हैं आपत्ति: मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में बिल भुगतान से पहले लेखा विभाग में भेजा जाता है. वहां पहले एकाउंटेंट और फिर वित्त एवं लेखाधिकारी चेक करने के बाद हस्ताक्षर करते है. बिल में कोई कमी होने पर उस पर आपत्ति लगाते हैं. आपत्ति दूर करने के बाद बिल का भुगतान होता है.