अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हुई मर्डर के तीन आरोपितों लवलेश तिवारी, शनि और अरुण मौर्या की न्यायिक हिरासत की अवधि 14 जुलाई तक बढ़ा दी गई है. यह आदेश मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार गौतम ने मुद्दे की विवेचना कर रहे विवेचक के प्रार्थना पत्र पर दिया.
न्यायालय ने बोला कि पुलिस द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र में अंकित तथ्यों के आधार पर तीनों आरोपियों की न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ाने जाने का पर्याप्त आधार है. पुलिस ने अपने प्रार्थना पत्र में बोला है कि हत्याकांड की विवेचना अभी पूरी नहीं हो सकी है. इसलिए तीनों आरोपियों को 14 दिन के लिए और न्यायिक हिरासत में कारागार में रखा जाए. जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गुलाबचंद अग्रहरी ने बताया कि इन तीनों आरोपितों की न्यायिक हिरासत की अवधि 14 जुलाई को खत्म हो रही है. इसके पहले विवेचना पूरी कर ली जाएगी और सभी साक्ष्य कोर्ट में प्रस्तुत किए जाएंगे. आरोप पत्र भी प्रस्तुत किया जाएगा.
जांच कर लखनऊ गई न्यायिक आयोग की टीम
माफिया अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हुई मर्डर की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग की टीम दो दिनों की पूछताछ, जांच के बाद सोमवार को लखनऊ लौट गई. आयोग की टीम ने काटजू रोड के रहने वाले कई युवकों, दुकानदारों के अतिरिक्त अतीक और अशरफ की सुरक्षा में तैनात रहे पुलिसवालों से पूछताछ कर उनका बयान दर्ज किया. कई पुलिसकर्मी पहले बयान दर्ज करा चुके थे. उनके बयानों को फिर से लिया गया.
इसी प्रकार मोतीलाल नेहरू मंडलीय हॉस्पिटल (कॉल्विन) के चिकित्सक और कर्मचारियों से भी आयोग की टीम ने बात की. आयोग की टीम हॉस्पिटल कैंपस के मौका-ए-वारदात पर जाने की तैयारी में थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. टीम ने सर्किट हाउस में ही बुलाकर कर्मचारियों से बात की. अतीक-अशरफ की मर्डर 15 अप्रैल की रात कॉल्विन परिसर में हुई थी.