सघन बस्ती के बीच से गुजर रही हाइटेंशन लाइन दे रही हादसों को न्योता, तमाम सुविधाएं मौजूद

Update: 2022-11-27 10:13 GMT

मेरठ न्यूज़: लक्खीपुरा वार्ड-77 में हालांकि पेयजल, सीवर लाइन, पथ प्रकाश और रास्तों समेत सभी सुविधाएं मौजूद हैं, लेकिन इनमें से अधिकतर जर्जर अवस्था में होने के कारण होकर भी न होने के बराबर हो चली हैं। इस वार्ड की गली में हाइटेंशन लाइन सघन बस्ती से होकर गुजर रही है, जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है। लक्खीपुरा मोहल्ले में गली नंबर 18 से 28 तक यह वार्ड फैला हुआ है, इस वार्ड की गलियों में कई उप गलियां भी शामिल हैं। रईसुद्दीन प्रधान, नदीम उर्फ बॉबी, मोहम्मद मुस्तफा अंसारी, अमीर अहमद आदि से वार्ड की स्थिति पर चर्चा की गई। इस वार्ड के लोग अभी तक पीने के पानी को लेकर पूरी तरह आत्मनिर्भर नहीं हो सके हैं। वार्ड में नौ नलकूप लगाए गए हैं। इसके अलावा फतेउल्लापुर से भी पानी की सप्लाई की जाती है।

लोगों का कहना है कि गली नंबर-18 में जो नलकूप लगा है, वह आए दिन खराब रहता है। लोग बताते हैं कि नलकूप इन दिनों भी यह खराब चल रहा है, जिससे कई गलियों में पेयजल आपूर्ति में लोगों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस वार्ड के लोगों की एक समस्या यह है कि लक्खीपुरा के नाम से बनाया गया अस्पताल कांच का पुल पर चल रहा है। जो यहां से काफी दूर पड़ता है और यहां के लोगों को अपनी चिकित्सा संबंधी सुविधा के लिए काफी दूर जाना पड़ता है। वार्ड के लोग यह मांग करते हैं कि उनके क्षेत्र में ही अस्पताल स्थानांतरित किया जाए। यहां के निवासी बताते हैं कि वार्ड में 2008 में सीवर लाइन बिछाई गई थी। उस समय लगभग सभी गलियों को खोद दिया गया था। इतना समय गुजर जाने के बावजूद नगर निगम के अधिकारी इन गलियों की मरम्मत तक नहीं करा सके। बताया गया कि अभी करीब ढाई साल पहले सीवर लाइन में गटर बनाने का काम शुरू किया गया। जिसके बाद से दोबारा खुदाई के कारण रास्तों की स्थिति और बदतर हो गई है। रईसुद्दीन प्रधान का कहना है कि वार्ड में सीवर लाइन में जो घरेलू पानी निकासी के कनेक्शन किए गए थे, वह सीवर लाइन चोक होने के कारण जब पानी बैक मारने लगा तो जलनिकासी के कनेक्शन घरों से हटा कर फिर से नालियों में डाल दिए गए हैं।

सीवर लाइन की सफाई के लिए कई बार नगर निगम के अधिकारियों का ध्यान आकर्षित कराया जा चुका है, लेकिन वह इस मामले को कभी जल निगम पर डाल देते हैं और कभी कर्मचारियों की कमी का बहाना बना देते हैं मोहम्मद मुस्तफा अंसारी के अनुसार वार्ड में सफाई एक अहम मुद्दा है। गली नंबर-18 से लेकर 28 के बीच में किसी भी क्षेत्र को देख लिया जाए हर जगह नालियां चोक मिलेंगी। जल निकासी अवरुद्ध होने के कारण गंदा पानी गलियों में नजर आएगा। वार्ड की 50 परसेंट गलियां भी ऐसी नहीं हैं, जिन को सुचारू रूप से चलने के लायक समझा जा सके। ज्यादातर गलियां टूटी फूटी अवस्था में हैं। गली नंबर-21, 22, 23, 24, 26, 27 और इनकी उप गलियां टूटी-फूटी अवस्था में हैं। उनका कहना है कि पार्षद में इन सभी मार्गों के लिए अगर नगर निगम बैठक में प्रस्ताव दिए होते, तो कुछ न कुछ काम जरूर हो गए होते। गली नंबर-18 में दो ट्रांसफार्मर ऊपर नीचे रखे हुए हैं। इस क्षेत्र में केबल के जरिये सैकड़ों की संख्या में नियम के विरुद्ध बिना खंभों के बिजली के घरेलू कनेक्शन या पावर कनेक्शन दिए हुए हैं। लेकिन बिजली विभाग ने इन गलियों में खंभे लगाने का कोई प्रयास नहीं किया है। इसी गली से होकर हाई टेंशन लाइन भी गुजर रही है। अक्सर फाल्ट आ जाने के कारण हाइटेंशन लाइन के तार गली में गिर जाते हैं, जिससे बड़ा हादसा होने का अंदेशा बना रहता है। इस सिलसिले में वार्ड के लोगों ने वीडियो बनाकर चीफ इंजीनियर को प्रेषित की और उनसे मिलकर इस हाइटेंशन लाइन को सघन बस्ती के बीच से हटवाने की मांग की। लोग बताते हैं कि चीफ इंजीनियर ने तत्काल तो कोई कार्रवाई नहीं की है। अलबत्ता जेई और एसडीओ के माध्यम से लाइन को बदलने के लिए एस्टीमेट बनवा कर भिजवाने की बात जरूर कही है। यह हाइटेंशन लाइन रफीकिया मस्जिद की बिल्डिंग से होकर गुजर रही है। इसके अलावा हाइटेंशन लाइन के कारण इस गली के लोग अपने मकानों पर दूसरी मंजिल तक नहीं बना पा रहे हैं।

पार्षद का कथन: वार्ड-77 की पार्षद जेबुन्निशा का कहना है कि अगर विकास की दृष्टि से देखा जाए तो इस बार का कार्यकाल काफी दुश्वारियां भरा रहा है। दो साल से ज्यादा का समय कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गया। जबकि करीब छह महीने का समय चुनाव आचार संहिता के कारण विकास कार्यों के लिए अनुपयुक्त रहा। बाकी के समय पर नगर निगम बोर्ड की जितनी बैठकें अपेक्षित थीं, उतनी नहीं हो पार्इं। इसी कारण वार्ड के विकास के लिए जो प्रस्ताव दिए जा सकते थे, उन पर भी कोई बहुत अधिक चर्चा नहीं हो पाई। हालांकि इस योजना में फतेहउल्लापुर रोड का नाला करीब तीन करोड़ की लागत से बनाया गया है। जिससे कई वार्डों की जल निकासी में सुविधा मिल सकी है। हालांकि बरसात के दौरान थोड़ी दिक्कत आ जाती है।

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